विज्ञापन

2 हजार साल पुराने मकबरे में 80 कंकालों के बीच से वैज्ञानिकों ने खोज निकाला यह ‘चेहरा', जानें इसकी कहानी

क्‍या आपने नबाताई (Nabatean) जनजाति के बारे में सुना है? बताया जाता है कि इस जाति के लोग हजारों साल पहले दक्षिणी जॉर्डन, सीरिया, लेबनान और अरब कुछ इलाकों में बसते थे।

  • क्‍या आपने नबाताई (Nabatean) जनजाति के बारे में सुना है? बताया जाता है कि इस जाति के लोग हजारों साल पहले दक्षिणी जॉर्डन, सीरिया, लेबनान और अरब कुछ इलाकों में बसते थे। नबाताई जाति के लोगों की पहचान अब विलुप्‍त हो चुकी है। ऐसे में अगर उस जाति के लोगों को देखने का मौका मिले, तो वैज्ञानिकों को धन्‍यवाद करना ही चाहिए। एक रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब के रिसर्चर्स ने एक नबातियन महिला के चेहरे का अनुमान लगाया है। इस महिला के अवशेष सऊदी अरब के प्राचीन शहर अलऊला (AlUla) में स्थित यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल हेगरा (Hegra) में करीब 2000 साल पुराने मकबरे के अंदर 80 कंकालों के बीच दबे हुए थे।
  • लाइव साइंस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि साल 2015 में पुरातत्वविदों ने महिला के कंकाल का पता लगाया था। उन्‍होंने उसका नाम हिनाट रखा। यह नाम कब्र के अगले हिस्‍से में उकेरी गई मृतक के शिलालेख के आधार पर है। रिसर्चर्स ने कंकाल का विश्‍लेषण किया। पता चला कि महिला 40 से 50 साल की उम्र तक जिंदा रही। उनकी लंबाई लगभग 5 फीट, 3 इंच थी।
  • महिला के चेहरे को फ‍िर से तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने काम किया। टीम ने फोरेंसिक और पेलियोपैथोलॉजी (paleopathology) (प्राचीन लोगों में बीमारी का अध्ययन) की अपनी नॉलेज के आधार पर और कंप्‍यूटराइज्‍ड टोमोग्राफी (सीटी स्कैन) और एक 3D प्रिंटर की मदद से महिला के चेहरे को तैयार किया। तस्‍वीर की खूबी है कि इसमें महिला के सिर के पीछे के बाल दुपट्टे से ढके हुए हैं।
  • रिपोर्ट कहती है कि नबाताई सभ्‍यता के लोग छठी शताब्दी ईसा पूर्व के आसपास अरब और उसके आसपास के देशों के इलाकों में बसते थे। खास बात है कि इस जाति के लोगों के बारे में आजतक बहुत ज्‍यादा लिखा नहीं गया है। कहा जाता है कि रोमन साम्राज्‍य के एक राजा के इस जाति के लोगों को युद्ध में हरा दिया। उनका विलय अपने साम्राज्‍य में कर लिया। धीरे-धीरे यह प्रजाति विलुप्‍त हो गई।
  • पुरातत्वविद् लैला नेहमे के हवाले से लाइव साइंस ने लिखा है कि नबातियन एक रहस्य हैं। हम उनके बारे में बहुत कम जानते हैं क्योंकि उन्होंने कोई साहित्यिक ग्रंथ या रिकॉर्ड नहीं छोड़ा। इस प्रोजेक्‍ट की डायरेक्‍टर लैला ने नेशनल ज्योग्राफिक को बताया कि मकबरे की खुदाई इस प्रजाति के जीवन के बारे में अधिक जानने का एक शानदार अवसर था। रिसर्चर्स ने दफनाने में मिले कपड़े के टुकड़ों के आधार पर पहनावे को तैयार किया। तस्‍वीरें, लाइव साइंस, अरब न्‍यूज और रॉयल कमीशन फॉर अलऊला से।
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com