Flashback 2018: इन प्राकृतिक आपदाओं ने नम कर दी आंखें...
साल 2018 बीत रहा है. इस गुजरते साल के साथ मन में कई यादें हैं, जिन्हें भुलाना थोड़ा मुश्किल होगा. इन्हीं यादों में शामिल हैं इस साल की प्राकृतिक आपदाएं. इन आपदाओं ने ऐसे जख्म दिए हैं, जिन्हें स्मृति पटल से हटाने के लिए न कोई मरहम है और न ही कोई दवा. आइए नजर डालते हैं इस साल घटित ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के बारे में, जिन्होंने देश को हिला दिया.
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केरल में आई बाढ़ को अगर सदी की सबसे बड़ी त्रासदी कहा जाए, तो गलत नहीं होगा. इस प्राकृतिक आपदा ने केरल में 477 लोगों की जान ले ली. यहां हुए नुकसान की भरपाई के लिए पूरा देश एकजूट हो गया. केरल में बाढ़ ने न सिर्फ कई जिंदगियों को काल के गाल में पहुंचाया, बल्कि वहां के लोगों को विकास के मायने में भी पीछे धकेल दिया.
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इस साल तितली नाम के तूफान ने ओडिशा और आंध्रप्रदेश के कई क्षेत्रों में भारी कहर बरपाया. तितली तूफान की वजह से ओडिशा के कई हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात हो गए. अकेले ओडिशा में करीब 3 लाख लोग तूफान से प्रभावित हुए. तितली तूफान की शुरुआत 6 अक्टूबर के दिन अंडमान से हुई थी. करीब दो दिन बाद इस तूफान ने विकराल रूप धारण करते हुए बंगाल की खाड़ी से भी उठना शुरू कर दिया, जिसके बाद मौसम विभाग ने इसकी सूचना जारी की. तितली तूफान ने ओडिशा के करीब 77 लोगों की जान ली. इतना ही नहीं आंध्रप्रदेश में भी भारी भूस्खलन की खबरें सामने आईं और वहां भी करीब 8 लोगों की जान चली गई. कहर बरपाने के बाद तूफान पश्चिमी बंगाल में आकर कमजोर पड़ा. इस तूफान की वजह से आंध्रप्रदेश को 3673 करोड़ रुपये और ओडिशा को करीब 3000 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ.
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इस साल आए चक्रवाती तूफान गाजा को भी शायद ही कोई भूल पाए. इस तूफान ने तमिलनाडु में नागपट्टिनम और वेदारायणम के बीच 16 नवंबर को दस्तक दी थी. तमिलनाडु के डेल्टा क्षेत्र को छूने के बाद, चक्रवाती तूफान पश्चिम की ओर बढ़ गया. तमिलनाडु सरकार ने तूफान की चपेट में आने वाले जिलों को पूरी तरह से अलर्ट कर रखा था.
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तमिलनाडु सरकार ने तूफान की चपेट में आने वाले जिलों को पूरी तरह से अलर्ट कर रखा था. सरकार ने बताया कि कुल 76,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया और नागपट्टिनम और कुड्डालोर सहित छह जिलों में 331 राहत केन्द्र खोले गए थे. गाजा तूफान से तमिलनाडु में 106 लोगों की मौत हुई.