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Nasa का मिशन मंगल! 4 लोगों को 378 दिनों के लिए एक घर में किया ‘बंद', क्‍या करेंगे ये सभी? जानें

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के मिशन मंगल का अहम सफर शुरू हो गया है। 4 वॉलंटियर्स को 378 दिनों के लिए एक ऐसे ‘घर' में भेजा गया है, जहां मंगल ग्रह जैसे हालात हैं।

  • अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के मिशन मंगल का अहम सफर शुरू हो गया है। 4 वॉलंटियर्स को 378 दिनों के लिए एक ऐसे ‘घर' में भेजा गया है, जहां मंगल ग्रह जैसे हालात हैं। ये जगह अमेरिका के ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में बनाई गई है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं जैसे रिएलिटी शो ‘बिग बॉस' में प्रतियोगी एक घर में रहते हैं, उसी तरह चारों वॉलंटियर्स 3D प्रि‍ंटेड घर में रहेंगे। उन्‍हें वो सभी काम खुद करने होंगे, जो भविष्‍य में मंगल ग्रह पर रहते हुए करने पड़ सकते हैं।
  • इस मिशन का नाम है- क्रू हेल्थ एंड परफॉर्मेंस एक्सप्लोरेशन एनालॉग (CHAPEA)। तीन साल तक चलने वाले मिशन की यह शुरुआत है। धरती पर मंगल ग्रह जैसे हालात में लोगों को रखकर नासा भविष्‍य के लिए तैयारी करेगी। वह पता लगाएगी कि फ्यूचर में जब अंतरिक्ष यात्री मंगल ग्रह पर रहने जाएंगे, तब उन्‍हें किस तरह की तैया‍रियां करनी होंगी।
  • जिन 4 वॉलंटियर्स को नकली मंगल ग्रह वातावरण में भेजा गया है उनमें केली हेस्‍टन पहला नाम हैं। वह एक रिसर्च साइंटिस्‍ट हैं। केली इस मिशन में कमांडर की भूमिका में हैं। फ्लाइट इंजीनियर के रूप में रॉस ब्रॉकवेल इस मिशन से जुड़े हैं। वह एक स्‍ट्रक्‍चरल इंजीनियर हैं। मेडिकल ऑफ‍िसर के रूप में नाथन जोन्स और साइंस ऑफ‍िसर के तौर पर एंका सेलारियू वॉलंटियर्स में शामिल हैं।
  • साइंस और इंजीनियरिंग के बैकग्राउंड से आने वाले चारों वॉलंटियर्स अगले 378 दिनों तक मंगल ग्रह जैसे वातावरण में खाना खाएंगे, एक्‍सरसाइज करेंगे। उन्‍हें अपने लिए खुद सब्जियां उगानी होंगी। हर वो काम करना होगा, जो भविष्‍य में अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर करना पड़ सकता है।
  • जिस 3डी प्रिंटेड घर में चारों वॉलंटियर्स रह रहे हैं, वह 1700 स्‍क्‍वॉयर फुट में फैला है। उसमें 3 से 4 बेडरूम हैं। अगले 378 दिनों तक वॉलंटियर्स इसी घर में रहेंगे। घर में वो सभी सुविधाएं हैं, जो भविष्‍य में अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल पर रहने के दौरान दी जाएंगी। हालांकि इस घर में मंगल ग्रह का गुरुत्‍वाकर्षण नहीं होगा। नासा सभी वॉलंटियर्स की मॉनिटरिंग करेगी। उनकी हेल्‍थ को भी परखा जाएगा।
  • साल भर बाद जो डेटा मिलेगा, उसे उन लोगों को सौंपा जाएगा, जो मंगल ग्रह के लिए वीकल बनाने वाले हैं। चारों वॉलंटियर्स बीते रविवार को 3डी प्रिंटेड घर में रहने के लिए पहुंचे। उन्‍होंने काले रंग के जंपसूट पहने हुए थे। सभी एक-एक करके घर में दाखिल हुए और दरवाजे को बंद कर दिया गया। अब ये सभी अगले एक साल तक उस घर में रहेंगे, जहां उन्‍हें पल-पल यही एहसास होगा कि वो मंगल ग्रह पर जिंदगी ब‍िता रहे हैं। तस्‍वीरें, नासा से।
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