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'खबर लहरिया' मीडिया में नारीवादी आवाज़ का कर रहा है आगाज़

Updated: 09 मार्च, 2022 05:05 PM

पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व वाला न्यूज़ रूम 'खबर लहरिया' हाइपर-लोकल रिपोर्ट तैयार करता है.

'खबर लहरिया' मीडिया में नारीवादी आवाज़ का कर रहा है आगाज़

खबर लहरिया का सही मायने में मतलब है -एक न्यूज़ वेव्स, इसे साल 2002 में एक स्थानीय भाषा के समाचार पत्र की तरह शुरू किया गया था. यह दिल्ली के 'जेंडर एजुकेशन संगठन 'निरंतर' के समर्थन के साथ शुरू किया गया था.

'खबर लहरिया' मीडिया में नारीवादी आवाज़ का कर रहा है आगाज़

एक डिजिटल समाचार आउटलेट के रूप में खबर लहरिया अभी 10 मिलियन से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है. वर्तमान में, इसके 30 से अधिक पत्रकार हैं, जिनमें से लगभग 18 उत्तर प्रदेश के 14 जिलों में, कुछ मध्य प्रदेश के 7 जिलों में और कुछ बिहार और छत्तीसगढ़ के 2-3 जिलों में कार्यरत हैं.

'खबर लहरिया' मीडिया में नारीवादी आवाज़ का कर रहा है आगाज़

महिलाओं के मुद्दों और उनके स्वास्थ्य, शिक्षा, आजीविका और घरेलू हिंसा से जुड़ी कहानियों को उजागर करने के अलावा, खबर लहरिया में वन अधिकार, भूमि, नदियों, पानी, राजनीति, सांप्रदायिकता, अपराध, दुर्घटनाओं, पर्यावरणीय मुद्दों से संबंधित मुद्दों को भी उजागर किया जाता है.

'खबर लहरिया' मीडिया में नारीवादी आवाज़ का कर रहा है आगाज़

खबर लहरिया इस साल अप्रैल में चंबल अकादमी शुरू कर रहे हैं. खबर लहरिया ज्यादा से ज्यादा स्थानीय महिलाओं और वंचित समुदायों के लोगों को भर्ती करने की दिशा में काम कर रहे हैं.

'खबर लहरिया' मीडिया में नारीवादी आवाज़ का कर रहा है आगाज़

खबर लहरिया की को-फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ कविता देवी के अनुसार, डिजिटल समाचार आउटलेट का उद्देश्य हाइपर-लोकल और स्वतंत्र सामग्री का निर्माण करना है. मीडिया में नारीवादी आवाज लाना और महिलाओं को छोटे शहरों और गांव में पत्रकारों के रूप में स्थापित करना ही उनका उद्देश्य है.

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