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ISS होगा खत्‍म! धरती से 400Km ऊपर अंतरिक्ष में बनेगा नया स्‍पेस स्‍टेशन ‘स्टारलैब', जानें इसके बारे में

इस दशक के अंत तक इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन को सुरक्षित तरीके से खत्‍म कर दिया जाएगा।

  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) धरती से 400 किलोमीटर ऊपर अं‍तरिक्ष में एक ऐसी जगह है, जो दिन-रात पृथ्‍वी की निगरानी करता है। वहां कई अंतरिक्ष प्रयोग किए जाते हैं। स्‍पेस स्‍टेशन में हमेशा 7 अंतरिक्ष यात्रियों का एक दल मौजूद रहता है, जो उसे ऑपरेट करता है। इस दशक के अंत तक इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन को सुरक्षित तरीके से खत्‍म कर दिया जाएगा। अंतरिक्ष में दिलचस्‍पी रखने वालों के मन में यह सवाल है कि अगला स्‍पेस स्‍टेशन कैसा होगा? हमारे पास इसका जवाब है!
  • टेलिग्राफ यूके की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दशक के आखिर में जब आईएसएस ‘खत्‍म' हो जाएगा, तो उसकी जगह ‘स्टारलैब' (Starlab) नाम की एक साइंस लेबोरेटरी सेटअप की जाएगी। आईएसएस को अमेरिका की नासा, रूस की रोस्‍कोस्‍मोस समेत ESA व अन्‍य स्‍पेस एजेंसियां संभालती हैं, जबकि ‘स्टारलैब' एक प्राइवेट स्‍पेस स्‍टेशन होगा।
  • रिपोर्ट के अनुसार, एयरबस (Airbus) ने ऐलान किया है कि वह दुनिया के पहले कमर्शल स्‍पेस स्‍टेशन के डेवलपमेंट, निर्माण और उसे ऑपरेट करने के लिए अमेरिका स्थित वोयाजर स्पेस (Voyager Space) के साथ मिलकर काम कर रही है। दोनों कंपनियां अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी नासा (Nasa) और यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) को सर्विस देंगी।
  • नया स्‍पेस स्‍टेशन ज्‍यादा आधुनिक हो सकता है। डिजाइन के लेवल पर भी बदलाव देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, नए स्‍पेस स्‍टेशन में क्रू के क्‍वॉर्टर कैसे होंगे, इसके लिए होटल ब्रैंड हिल्टन (Hilton) क्‍वॉर्टरों का डिजाइन तैयार कर रहा है। उम्‍मीद की जा रही है कि इस दफा क्रू को तमाम सुविधाएं उनके क्‍वॉर्टरों में उपलब्‍ध कराई जाएंगी।
  • इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन पिछले 22 साल से पृथ्‍वी की निचली कक्षा में है। इस दशक के आखिर तक यह सर्विस में रहेगा। इसके बाद नासा इसे सुरक्षित तरीके से खत्‍म करेगा। वर्तमान में नासा उन तैयारियों में जुटी है, जिसका इस्‍तेमाल करके आईएसएस को सुरक्षित तरीके से धरती पर नीचे लाया जाएगा और समुद्र वगैरह में खत्‍म करा दिया जाएगा।
  • ISS का अबतक का सफर शानदार रहा है। हालांकि रूस और अमेरिका के रिश्‍तों में तनाव की वजह से आईएसएस के भविष्‍य के लेकर सवाल उठते रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान एक वक्‍त ऐसा आया, जब रूस ने स्‍पेस स्‍टेशन को संभालने से इनकार कर दिया था। हालांकि उसने ऐसा नहीं किया। अमेरिका की जिम्‍मेदारी आईएसएस को पावर देने की है, जबकि रूस का काम इसे ऑर्बिट में बनाए रखना है।
  • फ‍िलहाल स्‍टारलैब के डिजाइन पर काम चल रहा है। इस साल के आखिर तक इसका रिव्‍यू शुरू कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि आईएसएस के डीऑर्बिट होने से पहले स्टारलैब को लॉन्‍च कर दिया जाएगा। कहा यह भी जाता है कि आनेवाले वक्‍त में सिर्फ एक स्‍पेस स्‍टेशन नहीं होगा। नासा कई और प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर अन्‍य स्‍पेस स्‍टेशन भी तैयार करेगी। तस्‍वीरें - Voyager Space, नासा व अन्‍य।
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