गंभीर और उथप्पा ने टीम की धिमी लेकिन सधी हुई शुरुआत दी। गंभीर और उथप्पा ने बिना कोई जोखिम लेते हुए पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने संयम से खेलते हुए स्ट्राइक रोटेट की और जब बुरी गेंद मिली तो उसको सीमा रेखा के पार भी पहुंचाया।
पठान ने आंद्रे रसेल (16) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 3.1 ओवर में 27 रन जोड़ कर टीम को 164 के स्कोर तक पहुंचाया। पारी की अंतिम गेंद पर रसेल भी रन आउट हुए।
साहा के जाने के बाद मैक्सवेल ने अपना वही चिर परिचित अंदाज दिखाया जिसको देखने के लिए उनके प्रशंसक तरस रहे थे। उन्होंने साहा के जाने के बाद हर ओवर में चौके-छक्के लगाए और महज 29 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया।
जब लग रहा था कि मैक्सवेल अपनी टीम को जीत दिला देंगें तभी वह चावला की गेंद पर रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में पगबाधा आउट हो गए। मैक्सवेल जब पवेलियन लौटे तब टीम का स्कोर 120 रन था और उसे 26 गेंदों में 45 रनों की जरूरत थी।
अंतिम ओवरों में पठान ने आंद्रे रसेल (16) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 3.1 ओवर में 27 रन जोड़ कर टीम को 164 के स्कोर तक पहुंचाया। पारी की अंतिम गेंद पर रसेल भी रन आउट हुए।