आपके बाल प्रदूषण खत्म कर सकते हैं, इस देश में शुरू हुई 'मुहिम'
बेल्जियम में इंसानों के बालों का इस्तेमाल पर्यावरण की रक्षा के लिए किया जा रहा है। एक एनजीओ ने यह पहल शुरू की है, जो अपने आप में अनोखी है।
-
प्रदूषण से पूरी दुनिया जूझ रही है। भारत जैसे देश में वायु प्रदूषण गंभीर होता जा रहा है, तो कई और देश अलग-अलग तरह के प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि प्रदूषण को कम करने में आपके ‘बाल' काम आ सकते हैं। बेल्जियम में इसकी शुरुआत भी हो गई है। वहां इंसानों के बालों का इस्तेमाल पर्यावरण की रक्षा के लिए किया जा रहा है। एक एनजीओ ने यह पहल शुरू की है, जो अपने आप में अनोखी है।
-
बेल्जियम के बार्बर आजकल अपने ग्राहकों के बालों को काटने के बाद उन्हें इकट्ठा करके एक एनजीओ को सौंप रहे हैं। एनजीओ इन बालों को रिसाइकल करता है। ‘हेयर रिसाइकल' नाम के प्रोजेक्ट को चलाता है डुंग-डुंग, जोकि एक नॉन प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन है। इसका मकसद काटने के बाद बर्बाद होते बालों को कलेक्ट करने की रणनीति बनाना और उनका इस्तेमाल करके अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
-
प्रोजेक्ट से जुड़े एक्सपर्ट ने अपनी रिसर्च में पाया कि इंसान के 1 किलो बाल लगभग 7 से 8 लीटर तेल और हाइड्रोकार्बन को अवशोषित कर सकते हैं। प्रोजेक्ट के तहत बालों को मशीन में भेजा जाता है और वहां उन्हें रिसाइकल करते हुए मैट वगैरह तैयार की जाती हैं। बालों से बायो-कम्पोजिट बैग भी बनाए जाते हैं। बालों से जुड़े कुछ फैक्ट्स पर नजर डालें, तो एक बाल अपने वजन से 10 लाख गुना ज्यादा वजन उठा सकता है। 1 किलो बाल 8 लीटर तेल तक अवशोषित कर सकते हैं। बाल 95% केराटिन से बने होते हैं। यह ऐसा प्रोटीन है, जो फ्लैक्सिबल होने के साथ-साथ पानी में नहीं घुल सकता।
-
प्रोजेक्ट के को-फाउंडर पैट्रिक जानसेन ने बताया कि इंसानी बालों से बनीं मैट को ड्रेन्स में लगाया जाता है, ताकि वह पानी में घुलकर आने वाले प्रदूषण को सोख ले और नदियों में कम से कम नुकसानदेह प्रदूषक पहुंचें। जानसेन ने रॉयटर्स से कहा कि उनके प्रोडक्ट स्थानीय तरीके से तैयार किए जाते हैं और इलाके की समस्याओं से निपटने में कारगर हैं।
-
बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में कई सैलून वाले एनजीओ की मुहिम में उसका साथ दे रहे हैं। सैलून वाले एनजीओ को बाल देने के साथ-साथ प्रोजेक्ट को सपोर्ट करने के लिए छोटी सी आर्थिक मदद भी दे रहे हैं। जिन बालों को आमतौर पर कूड़ा समझकर फेंक दिया जाता है, बेल्जियम में उनका इस्तेमाल पर्यावरण को साफ बनाने में किया जा रहा है। (तस्वीरें- रॉयटर्स और unsplash से)