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कोरोना से बचाव में हैंड वॉश का है अहम रोल, पर करोड़ों झेल रहे हैं पानी की किल्लत!

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना की रोकथाम में हैंडवॉशिंग का रोल काफी अहम बताया है, क्योंकि ये तरीका संक्रमण को फैलने से रोकेने में काफी हद तक कारगर साबित हुआ है. लेकिन भारत ही नहीं पूरे विश्व में करोड़ों लोग ऐसे हैं, जो पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं. इस कारण कोरोना को वहां रोक पाना काफी मुश्किल हो रहा है. जानें पानी की किल्लत से जुड़ी कुछ अहम बातें...

  • यूनाइटेड नेशन के ग्रुप यूएन वाटर का कहना है कि विश्व में करीब 2 बिलियन लोग पानी की किल्लत का सामना कर रहे हैं. वहीं 4 बिलियन लोग ऐसे हैं, जो साल में एक महीने के लिए पानी की कमी का सामना करते हैं.
  • नीति आयोग के कंपोजिट वाटर मैनेजमेंट इंडेक्स 2019 के मुताबिक देश में करीब 800 मिलियन लोग पानी की कमी जैसी गंभीर समस्या का सामना करने को मजबूर है. एक और स्टडी में बताया गया है कि भारत में करीब 500 मिलियन ऐसे लोग हैं, जिनके पास हाथ धोने के लिए पानी नहीं है और ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा लगातार बना रहता है.
  • साल 2019 की बात की जाए तो इस साल देश का आधा हिस्सा सूखे की मार झेलने को मजबूर पाया गया था, इसमें बड़े राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और हरियाणा का नाम शामिल है. इतना ही नहीं बैंगलोर और दिल्ली को भी पानी की कमी का सामना करना पड़ा.
  • पानी की कमी डब्ल्यूएचओ के कई निर्देशों का पालन न करने पर मजबूर कर रहा है. डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि अगर आप खाना खाने जा रहे हैं या किसी सार्वजनिक स्थान से लौट रहे हैं तो हाथों को करीब 20 से 30 सेकेंड तक जरूर धोएं, लेकिन भारत में लोगों को पानी की कमी से काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
  • कोरोना के प्रकोप को कम करने के लिए सड़कों को सैनिटाइज करना भी बेहद जरूरी है. दरअसल, सैनिटाइज करने के लिए भारी मात्रा में साफ पानी की जरूरत होती है, लेकिन भारत में पानी की किल्लत इस कोशिश में भी बड़ी मुश्किल बनकर उभर रही है.
  • यूएन वाटर चेयरमेन ने अगस्त में एक इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुरक्षित पानी और सुरक्षित रूप से प्रबंधित स्वच्छता के उपयोग के बिना रहने वाले लोगों के लिए यह एक विनाशकारी स्थिति है.
  • यूएन वाटर ने जोर दिया कि 2030 तक दुनिया को पानी के बुनियादी ढांचे पर 6.7 ट्रिलियन अमेरिकी डालर खर्च करने की जरूरत है. इससे महामारी से जुड़े मुद्दों से लड़ने में मदद मिलेगी.
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