मंदिर हादसे में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका जताई जा रही है क्योंकि अगलगी में 350 लोग घायल बताए जा रहे हैं। घायलों का इलाज त्रिवेंद्रम मेडिकल कॉलेज समेत 10 अस्पतालों में हो रहा है।
बताया जा रहा है कि परंपरा के मुताबिक मंदिर में आतिशबाज़ी हो रही थी। आग लगने के काफी देर तक किसी को भी इसका अंदाज़ा नहीं हुआ क्योंकि शुरुआत में लोग आग के धुंए को आतिशबाज़ी से निकलने वाला धुंआ मान रहे थे।
धीरे धीरे आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि मंदिर के आसपास का करीब डेढ़ किलोमीटर तक का दायरा इसकी जद में आ गया। आग पर काबू पाने तक जान-माल का बड़ी नुकसान हो चुका था।