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Alien : क्‍या एलियंस ने हमसे कॉन्‍टैक्‍ट किया? 82 घंटे में 1863 सिग्‍नलों ने मचाई हलचल

वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष से लगातार सिग्नल मिल रहे हैं। ये नए प्रकार के रेडियो सिग्नल हैं और सामान्य फास्ट रेडियो बर्स्ट (Fast Radio Burst - FRB) से काफी अलग हैं। वैज्ञानिकों ने जब सिग्‍नल वाली दिशा को मॉनिटर किया, तो उन्‍हें करीब 82 घंटे में 1863 सिग्नल पृथ्‍वी पर मिले। आखिर क्‍या है पूरा मामला, आइए जानते हैं।

  • एलियंस की खोज में जुटे वैज्ञानिकों को बड़ा सुराग हाथ लगा है, जिसके बाद कहा जा रहा है कि एलियन दुनिया (Alien World) से संपर्क कर लिया गया है। दरअसल, वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष से लगातार सिग्नल मिल रहे हैं। ये नए प्रकार के रेडियो सिग्नल हैं, जो रिकॉर्ड किए गए हैं और ये सामान्य फास्ट रेडियो बर्स्ट (Fast Radio Burst - FRB) से काफी अलग हैं। इससे पहले जुलाई महीने में वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष में हार्टबीट की तरह पैटर्न वाले एक रहस्‍यमयी ‘रेडियो बर्स्ट' का पता चला था। लेकिन मौजूदा सिग्‍नल एकदम अलग हैं। वैज्ञानिकों ने जब सिग्‍नल वाली दिशा को मॉनिटर किया, तो उन्‍हें करीब 82 घंटे में 1863 सिग्नल पृथ्‍वी पर मिले।
  • बताया जाता है कि ये ये सिग्नल एक आकाशगंगा से रिसीव हो रहे हैं। जिस जगह से सिग्‍नल आ रहे हैं, उसे FRB 20201124A के नाम से लेबल किया गया है। इससे पहले जो सिग्‍नल रिसीव हुआ था, वह FRB 20191221A जगह से आया है। नए सिग्‍नलों को चीन के फाइव हंड्रेड मीटर अपर्चर स्फेरिकल रेडियो टेलिस्कोप (FAST) ने कैप्‍चर किया है। सिग्नलों को चीन की पेकिंग यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोनॉमर हेंग शू स्‍टडी कर रहे हैं। उनके मुताबिक जिस जगह से यह सिग्‍नल आ रहे हैं, वहां कोई न्यूट्रॉन स्टार है। उसी से यह रेडियो सिग्नल आ रहे हैं।
  • ये सिग्‍नल नॉर्मल ‘फास्‍ट रेडियो बर्स्‍ट' यानी FRB से काफी अलग हैं, फ‍िर भी आपको FRB के बारे में जानना चाहिए। यह रेडियो वेव्‍स के चमकदार विस्फोट होते हैं। इनकी अवधि मिलीसेकंड-स्केल में होती है। यही वजह है कि इनके सोर्स का पता लगाना और अंतरिक्ष में इनकी स्थिति तय करना मुश्किल होता है। सबसे पहले ‘फास्ट रेडियो बर्स्ट' को साल 2007 में खोजा गया था। तभी से साइंटिस्‍ट इसके मूल सोर्स को खोजने की दिशा में काम कर रहे हैं। ये विस्‍फोट एक सेकंड के हजारवें हिस्से में उतनी ऊर्जा पैदा करते हैं, जितनी सूर्य एक साल में करता है।
  • अब जो सिग्‍नल मिले हैं, उन्‍होंने वैज्ञानिकों के होश उड़ा दिए हैं। लास वेगास की यूनिवर्सिटी ऑफ नेवादा की एस्ट्रोफिजिसिस्ट बिंग झांग ने कहा है कि इन सिग्‍नलों की स्टडी करने के लिए अमेरिका और चीन दोनों देशों के वैज्ञानिक एकसाथ काम कर रहे हैं। जांच की जा रही है कि किसी और दुनिया से हमारे लिए किसी तरह का कोई संदेश तो नहीं आ रहा।
  • फास्‍ट रेडियो बर्स्ट इतने तेज और अप्रत्याशित होते हैं कि उन्‍हें ऑब्‍जर्व करना मुश्किल होता है। हालांकि एक रेडियो टेलीस्‍कोप इस काम में लगा हुआ है। यह टेलीस्‍कोप कनाडा में डोमिनियन रेडियो एस्ट्रोफिजिकल ऑब्जर्वेटरी में मौजूद है, जिसे कैनेडियन हाइड्रोजन इंटेंसिटी मैपिंग एक्सपेरिमेंट या CHIME कहा जाता है। यह टेलीस्‍कोप साल 2018 से काम कर रहा है और लगातार आकाश को आब्‍जर्व करते हुए ‘फास्‍ट रेडियो बर्स्‍ट' को डिटेक्‍ट करता है।
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