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भारत समेत दुनिया के आसमां में कैसा दिखा Blood Moon? चंद्र ग्रहण की ये अद्भुत तस्‍वीरें देख रह जाएंगे दंग

भारत से लेकर दुनियाभर के आसमां में लोगों की निगाहें रविवार को दुर्लभ‍‍‍ पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए आसमान की ओर टिकी रहीं.

  • भारत समेत दुनियाभर के तमाम देशों के लोगों की निगाहें रविवार को दुर्लभ‍‍‍ पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने के लिए आसमान की ओर टिकी रहीं.
  • रात 9:57 बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को ढकना शुरू कर दिया था. हालांकि देश के कुछ हिस्सों में मानसूनी बारिश के बीच चंद्रमा बादलों से घिरे आसमान में लुका-छिपी खेलता नजर आया.
  • रात 11:01 बजे पृथ्वी की छाया ने चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लिया, जिससे चंद्रमा का रंग तांबे जैसा लाल हो गया और पूर्ण चंद्र ग्रहण का दुर्लभ नजारा देखने को मिला.
  • चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल दिखाई देता है, क्योंकि उस तक पहुंचने वाला सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से परावर्तित होकर फैल जाता है.
  • पूर्ण चंद्रग्रहण पूरे एशिया, यूरोप, अफ्रीका और पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों में दिखाई दिया. इस दौरान चंद्रमा का अद्भुत रूप दिखा.
  • रविवार का ग्रहण 2022 के बाद से भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्र ग्रहण था. यह 27 जुलाई, 2018 के बाद से देश के सभी हिस्सों से देखा जाने वाला पहला चंद्र ग्रहण था.
  • अगला पूर्ण चंद्र ग्रहण देश में 31 दिसंबर 2028 को दिखाई देगा. ग्रहण दुर्लभ होते हैं और हर पूर्णिमा या अमावस्या को नहीं होते.
  • असल में चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, जिससे उसकी छाया चंद्र सतह पर पड़ती है. सूर्य ग्रहण के विपरीत, पूर्ण चंद्र ग्रहण को देखने के लिए विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती।
  • भारत में, चंद्र ग्रहण से कई अंधविश्वास जुड़े हैं. लोग अक्सर 'जहर या नकारात्मक ऊर्जा' के डर से भोजन, पानी और बाकी कामों से परहेज करते हैं.
  • भारत में कुछ लोग तो यह भी मानते हैं कि ग्रहण 'गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे बच्चों के लिए हानिकारक' होते हैं.
  • खगोलविदों का कहना है कि चंद्र ग्रहण केवल एक खगोलीय घटना है, जिसे आर्यभट्ट के समय से बहुत पहले ही समझ लिया गया था.
  • दुर्भाग्य से, कुछ अवैज्ञानिक मान्यताओं के कारण पिछले ग्रहणों के दौरान दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं, जिन्हें देखते हुए विज्ञान के प्रति जागरूकता की आवश्यकता का पता चलता है.
  • केन्या में पर्यटकों ने रंग-बिरंगे पारंपरिक वस्त्रों में नृत्य करते हुए चंद्रग्रहण का आनंद लिया. यहां लोगों की भीड़र जगहों-जगहों पर दिखाई दे रही थी.
  • यह पूर्ण चंद्रग्रहण 82 मिनट तक चला. भारतीय खगोल संस्थान (IIA) ने बेंगलुरु, लद्दाख और तमिलनाडु से लाइव स्ट्रीमिंग की व्यवस्था की.
  • चंद्र ग्रहण से घंटों पहले रविवार को तिरुमाला स्थित श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर समेत आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सभी प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए.
  • नोएडा में बादलों के बीच से चंद्रमा की पहली तस्वीर ने लोगों का ध्यान खींचा. यह चंद्रग्रहण रात 9:57 बजे शुरू हुआ और 1:27 बजे तक रहा.
  • भारतीय मान्यताओं के अनुसार, चंद्रग्रहण सूर्य और चंद्रमा के बीच राहु के आने से होता है. खगोलीय घटना को लेकर लोगों में उत्साह और आध्यात्मिक श्रद्धा का माहौल देखा गया.
  • धार्मिक नगरी वाराणसी में चंद्रग्रहण के दौरान दशाश्वमेध घाट पर श्रद्धालुओं का भारी हुजूम उमड़ा। ग्रहण काल के बाद स्नान, ध्यान और दान का विशेष महत्व माना जाता है.
  • भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान ने बेंगलुरु, लद्दाख और तमिलनाडु में स्थित अपने परिसरों में लगीं दूरबीनों को चंद्रमा की ओर मोड़ दिया.
  • देश के कई भागों में बादलों से पटे आसमान ने खेल बिगाड़ दिया, लेकिन फिर भी मुरादाबाद, जयपुर, दिल्ली में चंद्र ग्रहण ऐसा दिखा
  • 2022 के बाद से भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण था, जो कि 27 जुलाई, 2018 के बाद से देश के सभी हिस्सों से देखा जाने वाला पहला चंद्रग्रहण था.
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