सूर्य का बिगड़ा ‘मूड', 8 सोलर फ्लेयर्स निकले, अब पृथ्वी का क्या होगा?
आमतौर पर सूर्य में बनने वाले सनस्पॉट से एकाद सोलर फ्लेयर या CME का उत्सर्जन होता है, लेकिन गुरुवार को AR3372 नाम के सनस्पॉट से 8 सोलर फ्लेयर निकले हैं।
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सौर गतिविधियों का दौर नए स्तर पर पहुंच गया है। आमतौर पर सूर्य में बनने वाले सनस्पॉट से एकाद सोलर फ्लेयर या CME का उत्सर्जन होता है, लेकिन गुरुवार को AR3372 नाम के सनस्पॉट से 8 सोलर फ्लेयर निकले हैं, वो भी M क्लास कैटिगरी के। इनकी वजह से पृथ्वी पर मुसीबत बढ़ने वाली है। विशेषतौर पर ये सोलर फ्लेयर हमारी कम्युनिकेशन सेवाओं को प्रभावित कर सकते हैं। क्या है यह पूरा मामला, आइए जानते हैं।
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स्पेसवेदरडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, 11 जुलाई को सूर्य पर देखे गए AR3372 नाम के सनस्पॉट से 8 एम-क्लास सोलर फ्लेयर्स निकले हैं। इनमें से 3 काफी मजबूत हैं। नासा की सोलर डायनेमिक्स ऑब्जर्वेटरी की मदद से पता चला है कि अगले 24 घंटों में कुछ और सोलर फ्लेयर सूर्य से निकल सकते हैं। इनमें एक्स-क्लास फ्लेयर्स भी हो सकते हैं, जो सबसे पावरफुल होते हैं।
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रिपोर्ट के अनुसार, इन सोलर फ्लेयर्स का पृथ्वी पर भी असर होगा। हमारे ग्रह के सभी देशांतरों (longitudes) के आसपास शॉर्टवेव रेडियो ब्लैकआउट की एक सीरीज शुरू हो सकती है। इसकी वजह से 30 मेगाहर्ट्ज से नीचे के सिग्नल बाधित होंगे, जो हैम रेडियो ऑपरेटरों, नाविकों और एविएटर्स के लिए मुश्किलें बढ़ाएंगे। रिपोर्ट कहती है कि आने वाले दिनों में सौर गतिविधियों का सिलसिला और तेज होने वाला है।
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इस सबकी वजह है सौर चक्र। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, हमारा सूर्य 11 साल के एक चक्र से गुजरता है। इस चक्र के मध्य में सूर्य अस्थिर हो जाता है, जिसमें धीरे-धीरे कमी आती है। मौजूदा वक्त में सूर्य उसी अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है। साल 2025 तक सूर्य अस्थिर रहेगा, जिस वजह से उसमें सनस्पॉट उभरेंगे और सौर तूफानों की घटनाएं बहुत ज्यादा संख्या में होती रहेंगी।
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सौर चक्र के पीक को सोलर मैक्सिमम भी कहते हैं। यह शब्द आजकल सुर्खियों में है। इस अवधि में सूर्य बहुत ज्यादा ‘उग्र' हो जाता है। उसमें सनस्पॉट उभरते हैं, जिनसे कोरोनल मास इजेक्शन (CME) और सोलर फ्लेयर्स निकलते हैं। ये पृथ्वी पर सौर तूफान लाते हैं। यह सिलसिला 2025 में अपने पीक पर पहुंचने वाला है। कहा जा रहा है कि 2025 में पृथ्वी पर ‘इंटरनेट सर्वनाश' (internet apocalypse) के हालात होंगे।
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सोशल मीडिया में इन दिनों ‘इंटरनेट एपोकैलिप्स' की काफी चर्चा है। लोग दावा कर रहे हैं कि साल 2025 में जब सोलर मैक्सिमम का पीक होगा, तब पृथ्वी पर ‘इंटरनेट सर्वनाश' (internet apocalypse) हो सकता है। नासा ने इस बारे में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है। हालांकि एक पावरफुल सौर तूफान पृथ्वी पर इंटरनेट सेवाओं को बाधित करने की क्षमता रखता है, लेकिन 2025 में ऐसा होगा यह अभी अनुमानित नहीं है। तस्वीरें- नासा व अन्य से।