सूर्य से निकले 2 CME, एक ने दूसरे को ‘निगला', अब पृथ्वी पर ‘कहर' बरपाने आ रहा!
सूर्य (Sun) में हो रही गतिविधियां तमाम ग्रहों के लिए चुनौती बन रही हैं।
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सूर्य (Sun) में हो रही गतिविधियां तमाम ग्रहों के लिए चुनौती बन रही हैं। हाल में एक सौर ज्वाला ने पृथ्वी (Earth), चंद्रमा (Moon) और शुक्र (Venus) ग्रह को एकसाथ प्रभावित किया। इस बीच, 5 अगस्त को सूर्य से बेहद शक्तिशाली सोलर फ्लेयर (Solar Flare) निकला, जिसने 2 कोरोनल मास इजेक्शन (CME) को रिलीज किया। बताया जा रहा है कि ये CME आपस में मर्ज होकर और भी ज्यादा पावरफुल हो गए हैं। ऐसी घटनाओं को कैनबल सीईएमई (Cannibal CME) कहा जाता है। इसकी वजह से आज पृथ्वी पर एक सौर तूफान आ सकता है।
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यह जानकारी नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) के हवाले से सामने आई है। बताया गया है कि दो CME के विलय से जो सौर ज्वाला बनी है, उसकी वजह से आज एक सौर तूफान पृथ्वी से टकरा सकता है। यह G3 कैटिगरी का सौर तूफान हो सकता है। ऐसे तूफान काफी पावरफुल होते हैं और पृथ्वी को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
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सौर तूफान की वजह से छोटे सैटेलाइट्स प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे तूफान मोबाइल नेटवर्क और जीपीएस सिस्टम को भी बाधित कर सकते हैं। इनका बहुत अधिक असर होने पर हमारे पावर ग्रिड भी फेल हो सकते हैं और इलेक्ट्रिसिटी की व्यवस्था चरमरा सकती है। आज आ रहा सौर तूफान कितना प्रभावी हो सकता है, वैज्ञानिक इसका आकलन कर रहे हैं।
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सौर तूफानों का यह सिलसिला अभी खत्म नहीं होने वाला है। स्पेसवेदरडॉटकॉम के अनुसार, AR3386 नाम का एक सनस्पॉट सूर्य में उभरा है, जिसमें कल यानी सोमवार को विस्फोट भी हो गया था। इसकी वजह से हमारे ग्रह पर कुछ देर के लिए अस्थायी शॉर्ट वेव रेडियो ब्लैकआउट हो गया था। यह सब उस सौर चक्र का नतीजा है, जिससे हमारा सूर्य गुजर रहा है।
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कोरोनल मास इजेक्शन या CME, सौर प्लाज्मा के बड़े बादल होते हैं। सौर विस्फोट के बाद ये बादल अंतरिक्ष में सूर्य के मैग्नेटिक फील्ड में फैल जाते हैं। अंतरिक्ष में घूमने की वजह से इनका विस्तार होता है और अक्सर यह कई लाख मील की दूरी तक पहुंच जाते हैं। कई बार तो यह ग्रहों के मैग्नेटिक फील्ड से टकरा जाते हैं। जब इनकी दिशा की पृथ्वी की ओर होती है, तो यह जियो मैग्नेटिक यानी भू-चुंबकीय गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इनकी वजह से सैटेलाइट्स में शॉर्ट सर्किट हो सकता है और पावर ग्रिड पर असर पड़ सकता है। ये पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को भी खतरे में डाल सकते हैं।
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जब सूर्य की चुंबकीय ऊर्जा रिलीज होती है, तो उससे निकलने वाली रोशनी और पार्टिकल्स से सौर फ्लेयर्स बनते हैं। हमारे सौर मंडल में ये फ्लेयर्स अबतक के सबसे शक्तिशाली विस्फोट हैं, जिनमें अरबों हाइड्रोजन बमों की तुलना में ऊर्जा रिलीज होती है। इनमें मौजूद एनर्जेटिक पार्टिकल्स प्रकाश की गति से अपना सफर तय कोरोनल मास इजेक्शन भी होता है। तस्वीरें, Nasa व अन्य से।