Reported by Saurabh Shukla, Edited by Naveen Kumar, इन कानूनों के बनने से: 1. कारपोरेट निजी मंडियां बनाएंगे, 2. सरकार कानून अनुसार इन निजी मंडियों को बढ़ावा देगी, जिससे सरकारी मंडियां बंद हो जाएंगी, 3. लागत के सामन, उपकरण और सिंचाई कारपोरेट नियंत्रण में चली जाएगी और सरकारी सब्सिडी समाप्त होगी व लागत के दाम बढ़ेंगे, 4. लागत के बढ़े दाम का भुगतान करने के लिए किसानों को कर्ज लेना होगा, जिससे जमीन से बेदखली बढ़ेगी, 5. सरकार कुल मिलाकर खेती, खाद्य सुरक्षा और राशन की अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएगी.