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अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो कराएगी राम मंदिर का निर्माण : हरीश रावत

कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेगी.

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कांग्रेस महासचिव हरीश रावत (फाइल फोटो)
देहरादून:

चुनाव आते ही बीजेपी को राम याद आते हैं ये तो आपने कई बार सुना होगा. लेकिन इस बार कांग्रेस को भी राम की याद आ रही है. पिछले दिनों राम मंदिर को लेकर खूब हलचल हुई. सुप्रीम कोर्ट में 29 जनवरी को होने वाली सुनवाई टल जाने के बाद संत समाज ने भी जल्‍द से जल्‍द मंदिर निर्माण की मांग को लेकर अयोध्‍या कूच करने का ऐलान किया था. 26 फरवरी को फिर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई शुरू होगी. बीजेपी के कई नेता भी मंदिर निर्माण पर बयान दे चुके हैं. अब कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने कहा है कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वह अयोध्या में राम मंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेगी. देहरादून में एक संवाददाता सम्मेलन में रावत ने कहा, 'अयोध्या के बारे में मेरा वक्तव्य पहले भी आ चुका है कि अगर हमारी पार्टी सत्ता में आती है तो हम राममंदिर बनाने का भरसक प्रयास करेंगे. मेरे इस दृष्टिकोण को पार्टी का भी माना जाना चाहिए.'

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उन्होंने कहा कि केवल कांग्रेस पार्टी ने ही पूर्व में सत्ता में रहने के दौरान दो बार राम मंदिर बनाने के गंभीर प्रयास किये हैं और यह बात वरिष्ठ भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी उनके सामने स्वीकार की थी. रावत ने भाजपा पर इस मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र को इस संबंध में एक फेसिलिटेटर की भूमिका निभानी चाहिए.

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पुलवामा हमले पर भी उन्होंने भाजपा पर निशाना साधा और कहा कि वह केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही राष्ट्रवादी होने का तमगा दे रही है. उन्होंने कहा, 'ऐसा क्यों है कि केवल प्रधानमंत्री मोदी ही राष्ट्रवादी हो सकते हैं. मुझे इस पर घोर आपत्ति है. भारत का हरेक व्यक्ति राष्ट्रवादी है. मैं भी राष्ट्रवादी हूं और आप भी राष्ट्रवादी हैं.'

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कांग्रेस नेता ने कहा कि सैनिकों की शहादत पर पूरा भारत एक साथ खड़ा है. प्रदेश सरकार द्वारा पेश बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रावत ने कहा कि यह निराशाजनक है. उन्होंने कहा, 'बजट में कुछ भी नया नहीं है और अगर कुछ है तो वह कुछ दीनदयाल उपाध्याय, कुछ नरेंद्र मोदी और कुछ पुराने प्रस्ताव हैं.' इस संबंध में उदाहरण देते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि इसमें गैर सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित करने की उनकी सरकार की योजना को नाम बदल कर शामिल किया गया है.

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उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने इस योजना के लिये एक रिवाल्विंग फंड भी तैयार किया था और उसमें पांच लाख रुपये रखे थे. इसी योजना का नाम परिवर्तन करके सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय योजना कर दिया है. उन्होंने कहा, 'मैं पूछना चाहता हूं कि जिस उद्देश्य से यह योजना लायी गयी थी, पिछले चार सालों में कितनी गैर सरकारी संस्थाओं को पुनर्जीवित किया गया.'

रावत ने कहा कि विकास दर बुलेट ट्रेन की तरह तेजी से आगे बढ़ रही है पर गंभीर विषय यह है कि कृषि विकास दर अपने न्यूनतम स्तर पर है. उन्होंने यह भी कहा कि मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति भी ठीक नहीं है, बेरोजगारी भी चरम पर है और बेरोजगारों की संख्या नौ लाख हो चुकी है.

VIDEO: कुंभ में पेश हुआ राम मंदिर का मॉडल

(इनपुट भाषा से...)

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