![Boost Child Memory: बच्चा आने लगेगा पढ़ाई में अव्वल, बस इस चौपाई को जप लें रोज 108 बार, जानें क्या कहते हैं स्वामी रामभद्राचर्य Boost Child Memory: बच्चा आने लगेगा पढ़ाई में अव्वल, बस इस चौपाई को जप लें रोज 108 बार, जानें क्या कहते हैं स्वामी रामभद्राचर्य](https://c.ndtvimg.com/2022-06/idqjjo6_brain-boosting-foods-for-kids_625x300_02_June_22.jpg?downsize=773:435)
How To Boost Child Brain: कहते हैं बच्चे का दिमाग (Brain) अगर पॉजिटिव रहेगा, तो इससे उसकी कॉग्निटिव हेल्थ पर असर पड़ेगा. दिमाग का विकास (Brain Development) तेजी से होगा और वो पढ़ाई में भी अव्वल आएगा. इसके लिए पढ़ाई में मन लगाना, खान-पान के साथ ही स्पिरिचुअल होना भी बहुत ज्यादा जरूरी है. ऐसे में आज हम आपको बताते हैं स्वामी रामभद्राचार्य (Swami Rambhadacharya) जी का बताया हुआ एक ऐसा मंत्र जिसे अगर बच्चा दिन में 108 बार जप कर लें, तो इससे उसके दिमाग पर पॉजिटिव असर पड़ता है और यकीन मानिए कि इस मंत्र का उच्चारण करने से बच्चों के दिमाग का विकास भी तेजी से होता है.
बच्चों को सिखाएं ये खास चौपाई
सोशल मीडिया पर स्वामी रामभद्राचार्य जी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसमें उन्होंने बताया है कि कैसे आप बच्चों की बुद्धि को बढ़ा सकते हैं केवल इस चौपाई का इस्तेमाल करके. उन्होंने बताया कि 108 बार बच्चे इस मंत्र का जाप करें, तो इससे उनकी मेंटल हेल्थ बेहतर होगी और बच्चे क्लास में बेहतर परफॉर्मेंस देंगे. ये चौपाई कुछ इस प्रकार है- गुरु ग्रह पढ़न गये रघुराई अल्प काल विद्या सब पाई. जिसका अर्थ होता है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से अपने गुरु की शरण में जाता है, वो अल्प काल में ही सभी तरह की विद्या को प्राप्त करता है.
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सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा स्वामी रामभद्राचार्य का वीडियो
इंस्टाग्राम पर स्वामी रामभद्राचार्य की चौपाई का ये वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और 6 लाख 40 हजार से ज्यादा लोग इसे लाइक कर चुके हैं. वहीं भक्त भी उनके इस चौपाई को कारगर बता रहे हैं. एक यूजर ने कमेंट किया मेरे माता-पिता ने 8 साल की उम्र में ही मुझे ये चौपाई सिखा दी थी और ये वाकई मानसिक विकास के लिए बहुत बढ़िया चौपाई है. बता दें कि स्वामी रामभद्राचार्य जन्म से ही अंधे हैं, लेकिन इसके बाद भी वो 22 भाषाएं जानते हैं. इन्हें भगवत गीता कंठस्थ है और 7 साल की आयु में ही इन्हें रामचरितमानस भी पूरी तरह से याद हो गई थी, इसलिए इन्हें कलयुग का तुलसीदास भी कहा जाता है.
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