वेट लॉस करना या फैट लॉस करना क्या एक ही बात है. आमतौर पर डाइटिंग करने वाले इन दोनों बातों में कंफ्यूज रहते हैं कि वे वजन घटाना चाहते हैं या कोशिश फैट कम करने की है. आपका वर्कआउट और डाइटिंग सही दिशा में जाए इसके लिए इन दोनों के बीच अंतर समझ लेना बेहद जरूरी है. ताकि आप जब भी पसीना बहाएं ये पता रहे कि आप वाकई किस उद्देश्य से डाइटिंग कर रहे हैं.
क्या है वेट लॉस और फैट लॉस?
जब बात वजन घटाने की होती है तब उसका आशय किलो से वजन घटने का होता है. जिसमें मांसपेशियों के कम होने से लेकर शरीर का फैट और पानी सब कम होने की बात होती है. पर जब सिर्फ फैट लॉस की बात हो तो सिर्फ शरीर का अतिरिक्त फैट घटाने की बात होती है. इसे आसानी से कुछ यूं समझें कि जब आप अपने किसी पुराने कपड़े में दोबारा फिट होना चाहते हैं तब सिर्फ फैट लॉस से काम नहीं चलेगा वैट लॉस पर ध्यान केंद्रित करना होगा. पर बात अगर स्वास्थ्य की दृष्टि से होगी तो वेट लॉस से ज्यादा फैट लॉस को बेहतर समझा जाएगा.
कैसे समझें कि आप वैट लॉस कर रहे हैं या फैट लॉस?
वैट लॉस को ट्रैक करने के कई तरीके हो सकते हैं. सबसे आसान तरीका है वजन नापने वाली मशीन, जिसके कांटे या डिजिटल फिगर चुटकियों में बता देते हैं कि आपने कितना वजन घटाया. पर फैट लॉस को नापने के लिए थोड़ी जहमत उठानी पड़ती है. बायोइलेक्ट्रिकल इंपिडेंस स्केल या कैलीपर्स की मदद से ही आप शरीर में मौजूद फैट की सही मात्रा जान सकते हैं.
इसलिए जरूरी है फैट लॉस
फैट का बढ़ना अपने साथ कई मुश्किलें लेकर आता है. जिसमें मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल शामिल है. दिल के कई रोगों की जड़ भी बढ़ा हुआ फैट हो सकता है. इसलिए वेट लॉस से पहले फैट लॉस जरूरी है.
ज्यादा चर्बी कैसे घटाएं?
वजन घटाने और फैट घटाने को कंपेयर करें तो वजन आसानी से घट जाता है लेकिन फैट घटाना आसान नहीं है. क्रैश डाइट, वर्कआउट्स सब पहले वजन घटाने में कारगर होते हैं फिर फैट घटाने की बात होती है. इसलिए फैट लॉस करना हो तो कुछ एक्सट्रा एफर्ट्स जरूरी हैं. चर्बी घटाने के लिए सबसे पहले डाइट में प्रोटीन की मात्रा बढ़ाना जरूरी है. स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वर्कआउट जरूर करें. तेजी और ताकत के साथ की जाने वाली ये एक्सरसाइज आसानी से फैट बर्न करती हैं.
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