
uric acid treatment : कार्ब्स और स्टार्च यूरिक एसिड में नुकसान कर सकते हैं.
Rice in Uric Acid:आजकल यूरिक एसिड (Uric Acid) के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. ज्यादा प्यूरीन (purine) युक्त भोजन शरीर में जाकर यूरिक एसिड का स्तर बढ़ाता है, जिससे जोड़ों में दर्द के साथ सूजन और गठिया (gout)की बीमारी ट्रिगर करती है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर हाई प्यूरीन डाइट का सेवन से परहेज करने की सलाह देते हैं. ऐसे में चावल (rice in uric acid) को लेकर कई लोगों के मन में संदेह होता है कि क्या चावल खाने से शरीर में यूरिक एसिड बढ़ सकता है या नहीं. आपको बता दें कि चावल में ढेर सारा कार्बोहाइड्रेट (carbohydrate) होता है और इसमें ज्यादा स्टार्च होता है. चलिए जानते हैं कि क्या यूरिक एसिड की समस्या में चावल खाना चाहिए, अगर हां तो कितना चावल खाया जा सकता है और किस वक्त खाया जा सकता है.
कोशिश करनी चाहिए कि अगर आपका यूरिक एसिड हाई हो तो रात में चावल का सेवन ना करें. दरअसल रात में ज्यादा देर से यानी सोने से ऐन पहले अगर चावल खाया जाए तो ये बॉडी में यूरिक एसिड के लेवल को बढ़ा सकता है. रात में चावल में पाया जाने वाला कार्ब्स और स्टार्च यूरिक एसिड में नुकसान कर सकते हैं.

यूरिक एसिड में चावल की भूमिका क्या करती है | rice role in uric acid
यह भी पढ़ें
यूरिक एसिड में चावल का सेवन कम ही करना चाहिए. दरअसल इसके भीतर प्यूरीन की मात्रा ज्यादा नहीं होती लेकिन जो लोग पहले से ही हाई यूरिक एसिड के शिकार हैं, उन्हें चावल का ज्यादा सेवन नुकसान कर सकता और शरीर में यूरिक एसिड का स्तर और ज्यादा बढ़ा सकता है.

हाई प्रोटीन की वजह से दिक्कत बढ़ती है | high protein trigger purine
चावल में पाए जाने वाले स्टार्च और कार्बोहाइड्रेट की वजह से इसे खाने पर मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, इससे गठिया की परेशानी बढ़ती है और जोड़ों का दर्द बढ़ जाता है. दाल के साथ अगर आप चावल खा रहे हैं तो हाई प्रोटीन होने की वजह से ज्यादा प्यूरीन शरीर में जाता है और वो जोड़ों पर जाकर चिपक जाता है, जिससे जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न आ जाती है.
रात में ना खाएं दाल चावल | avoid daal chawal in night
यूरिक एसिड के मरीजों को रात के वक्त दाल के साथ चावल खाने से बचना चाहिए. खासकर छिलके वाली दालों के साथ चावल खाने से यूरिक एसिड और गठिया में काफी दिक्कत होती है. दाल प्रोटीन से भरपूर होती है और चावल कार्बोहाइड्रेट और स्टार्च से भरपूर होता है. इससे न केवल शरीर में प्यूरीन का लेवल बढ़ेगा बल्कि कार्बोहाइड्रेट मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देगा और इससे पाचन तंत्र पर भी फर्क पड़ेगा.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.