Tulsi Vivah 2025: हिंदू धर्म में तुलसी का बहुत विशेष महत्व है. तुलसी को माता लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है और भगवान विष्णु को यह सबसे प्रिय है. हर साल कार्तिक शुक्ल द्वादशी के दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप और तुलसी माता का विवाह बड़े ही श्रद्धा और भक्ति के साथ किया जाता है. इस मौके पर घर-घर में तुलसी पूजन, भजन और दीपदान का आयोजन होता है. इस साल आज यानी 2 नवंबर को तुलसी विवाह है. कई लोग आज के दिन भी अपने घर के आंगन में तुलसी लगाते हैं. आप चाहें तो बद्री तुलसी लगा सकते हैं.
बद्री तुलसी को भगवान बद्रीनाथ की पूजा में चढ़ाया जाता है. इस तुलसी के बिना भगवान बद्रीनाथ की पूजा अधूरी मानी जाती है. ऐसे में रोजाना भगवान बद्रीनाथ को बदरी तुलसी अर्पित की जाती है. इस तुलसी की खास बात यह है कि इसकी महक पूरे मंदिर परिसर में फैल जाती है. बद्रीनाथजी की आरती में जो 'पवन मंद सुगंध शीतल' वाली पंक्ति आती है, उसमें 'सुगंध' शब्द इसी तुलसी की खुशबू की ओर संकेत करता है. अगर आप चाहें, तो इस बदरी तुलसी को अपने घर में भी लगा सकते हैं. आइए जानते हैं घर में बद्री तुलसी लगाने का तरीका-
कैसे उगाएं बद्री तुलसी?
- इसके लिए नर्सरी से बद्री तुलसी का पौधा या बीज ले आएं.
- तुलसी को लगाने के लिए 12 से 15 इंच का गमला सबसे अच्छा रहता है, ताकि उसकी जड़ें ठीक से फैल सकें.
- मिट्टी में गोबर की खाद या ऑर्गेनिक कंपोस्ट मिलाकर पौधे को लगाएं.
- ध्यान रखें कि तुलसी को न ज्यादा धूप पसंद है और न ही बहुत ठंड. इसलिए इसे ऐसी जगह पर रखें जहां सुबह की हल्की धूप आती हो और हवा का अच्छा प्रवाह हो.
तुलसी के पौधे में रोज पानी न डालें. मिट्टी को हर दो-तीन दिन में चेक करें. जब मिट्टी सूखने लगे तभी पानी दें. अधिक पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं.
इस ट्रिक से साल भर हरा और घना रहेगा तुलसी का पौधातुलसी को हरा-भरा बनाए रखने के लिए उसकी मंजरी (फूल निकलने वाले हिस्से) को समय-समय पर हटा दें. मंजरी आने पर पौधा बीज बनाने में ऊर्जा लगाता है और ग्रोथ रुक जाती है. ऐसे में समय-समय पर मंजरी हटाते रहें, इससे पौधे की ग्रोथ और बेहतर होती है.
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