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घूमने जाने से पहले लेना होगा स्पेशल परमिट, जानें भारत के किन शहरों में लागू है ये नियम

Special Permit For Travel: भारत के कई इलाके ऐसे हैं, जिन्हें काफी संवेदनशील माना जाता है. यहां कोई भी सीधे प्रवेश नहीं कर सकता है, इसके लिए उन्हें पहले सरकार से स्पेशल परमिट लेना होता है.

घूमने जाने से पहले लेना होगा स्पेशल परमिट, जानें भारत के किन शहरों में लागू है ये नियम

अगर आपको भी घूमने का शौक है और आप देश के तमाम राज्यों में घूमने जाते हैं तो आपके लिए ये खबर जरूरी है. भारत के कई राज्यों में कुछ जगह ऐसी हैं, जहां जाने से पहले आपको परमिट लेना होता है, बिना परमिट के गए तो आपका पूरा दिन बर्बाद हो सकता है. इसीलिए आपको जानना जरूरी है कि किन जगहों पर आपको पहले से ही परमिट लेकर जाना होगा. साथ ही ये भी बताएंगे कि आप इस परमिट को कैसे और कहां से बनवा सकते हैं. 

कितने तरह के होते हैं परमिट?

ये परमिट आमतौर पर दो तरह के होते हैं. पहला इनर लाइन परमिट (ILP) और दूसरा प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट (RAP) कहलाता है. इनर लाइन परमिट उन जगहों को दिया गया है, जहां जनजातीय लोग रहते हैं. ऐसा उनकी संस्कृति और संसाधनों की रक्षा के लिए किया गया है. वहीं  प्रतिबंधित क्षेत्र परमिट भारत के कुछ ऐसे इलाकों के लिए लेना होता है, जो सीमा से सटे हैं और संवेदनशील माने जाते हैं. 

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इन जगहों के लिए है जरूरी

अब आपको बताते हैं कि भारत के किन इलाकों में जाने के लिए आपको परमिट लेना होगा. इसमें पूर्वोत्तर भारत का बड़ा हिस्सा शामिल है. अरुणाचल प्रदेश में कई जगहों पर इनर लाइन परमिट लेना जरूरी है. इनमें तवांग, रोंग, ईटानगर, बोमदिला, जीरो, भालुकपॉन्ग, पसीघाट, अनिनी जैसे पर्यटन स्थल शामिल हैं. इसके अलावा नागालैंड में भी ILP की जरूरत होती है. यहां कोहिमा, दीमापुर, मोकोकचुंग, वोखा, मोन, फेक, किफिरे जैसी जगहों पर जाना है तो परमिट लेकर जाना होगा. मिजोरम, सिक्किम और मणिपुर के कुछ इलाकों में भी इसकी जरूरत होती है. 

  • हर साल लाखों लोग लक्षद्वीप घूमने जाते हैं, लेकिन कई लोगों को ये पता नहीं है कि यहां जाने के लिए पहले परमिट लेना होता है. 
  • अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भी आपको परमिट की जरूरत पड़ेगी.यहां के कुछ आदिवासी संरक्षित क्षेत्रों जैसे- उत्तरी सेंटिनल द्वीप और बैरन द्वीप में एंट्री के लिए स्पेशल परमिट की जरूरत होती है.
  • लद्दाख के कुछ ऊंचाई वाले और सीमावर्ती इलाकों में भी इस तरह का परमिट जरूरी होता है. इनमें चांगथांग, हनले, लोमा, मरसीमिक ला और चुमुर, पैंगोंग त्सो झील के कुछ हिस्से और नुब्रा घाटी के कुछ हिस्से में जाने के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) की जरूरत होती है. 
  • उत्तराखंड में भी कुछ ऐसे इलाके हैं, जहां जाने के लिए स्पेशल परमिट की जरूरत होती है. इनमें ओम पर्वत, चमोली का टिम्मरसैण महादेव, भारत-चीन बॉर्डर पर बसा कुटी गांव, नेलांग घाटी और मिलाम ग्लेशियर जैसे इलाके शामिल हैं. 

कैसे मिलता है परमिट?

अब सबसे ज्यादा जरूरी ये जानना है कि ये परमिट कहां से मिलेगा और इसके लिए क्या करना होता है. ज्यादातर राज्यों ने इसके लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू कर दिए हैं. यानी आप उस राज्य के पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर जाकर परमिट का आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा ऑफलाइन आवेदन के लिए कई ऑफिस बनाए गए हैं, जहां से परमिट आसानी से मिल जाता है. कुछ एयरपोर्ट्स पर भी अब ये सुविधा उपलब्ध है. इसके लिए आपको अपना पहचान पत्र दिखाना होता है. 

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