आपका नन्हा शिशु अगर ज्यादा समय स्मार्टफोन, टैबलेट और स्क्रीन वाले दूसरे उपकरणों से खेलने में बिताता है, तो उसके बोलने में देरी हो सकती है. शोध से पता चलता है कि स्क्रीन वाले उपकरणों के हर 30 मिनट ज्यादा इस्तेमाल से बोलने में देरी की आशंका 49 फीसदी तक बढ़ जाती है.
कनाडा के ओनटोरियो स्थित हॉस्पीटल फॉर सिक चिल्ड्रेन की बालरोग विशेषज्ञ कैथरीन बिरकेन का कहना है कि इन दिनों हाथ में पकड़ने वाले उपकरण (स्मार्टफोन, टैबलेट व दूसरे स्क्रीन वाले उपकरण) हर जगह मौजूद हैं. बच्चे जिद करके ले लेते हैं और उससे देर तक खेलते रहते हैं.
बिरकेन ने कहा कि बच्चों को एक निश्चित समय तक ही स्क्रीन वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए. स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल छोटे बच्चे भी करने लगे हैं. हमारा अध्ययन बताता है कि स्क्रीन वाले उपकरण हाथ में रखने और बोलने में देरी के बीच गहरा संबंध है.
शोध की रिपोर्ट सैन फ्रांसिस्को में हुई पिडिएट्रिक एकेडमिक सोसाइटीज की बैठक में पेश की गई. शोध करने वाली टीम ने छह महीने से लेकर दो साल की उम्र तक के 894 बच्चों का अध्ययन किया.
इस शोध के परिणाम अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के दिशा-निर्देश के भी अनुकूल हैं, जिसमें 18 महीने से छोटे बच्चों को किसी तरह के स्क्रीन मीडिया के प्रति हतोत्साहित करने को कहा गया है. (एजेंसियो से इनपुट)
कनाडा के ओनटोरियो स्थित हॉस्पीटल फॉर सिक चिल्ड्रेन की बालरोग विशेषज्ञ कैथरीन बिरकेन का कहना है कि इन दिनों हाथ में पकड़ने वाले उपकरण (स्मार्टफोन, टैबलेट व दूसरे स्क्रीन वाले उपकरण) हर जगह मौजूद हैं. बच्चे जिद करके ले लेते हैं और उससे देर तक खेलते रहते हैं.
बिरकेन ने कहा कि बच्चों को एक निश्चित समय तक ही स्क्रीन वाले उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए. स्मार्टफोन और टैबलेट का इस्तेमाल छोटे बच्चे भी करने लगे हैं. हमारा अध्ययन बताता है कि स्क्रीन वाले उपकरण हाथ में रखने और बोलने में देरी के बीच गहरा संबंध है.
शोध की रिपोर्ट सैन फ्रांसिस्को में हुई पिडिएट्रिक एकेडमिक सोसाइटीज की बैठक में पेश की गई. शोध करने वाली टीम ने छह महीने से लेकर दो साल की उम्र तक के 894 बच्चों का अध्ययन किया.
इस शोध के परिणाम अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के दिशा-निर्देश के भी अनुकूल हैं, जिसमें 18 महीने से छोटे बच्चों को किसी तरह के स्क्रीन मीडिया के प्रति हतोत्साहित करने को कहा गया है. (एजेंसियो से इनपुट)
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