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This Article is From May 16, 2024

सिलबट्टा और मिक्सर में से क्या है ज्यादा बेहतर, जानिए किससे मिलते हैं ज्यादा फायदे

दादी-नानी के समय से सिलबट्टे का खूब इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन आज की पीढ़ी पूरी तरह मिक्सर पर निर्भर है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दोनों में से किससे सेहत को ज्यादा फायदे मिलते हैं. 

सिलबट्टा और मिक्सर में से क्या है ज्यादा बेहतर, जानिए किससे मिलते हैं ज्यादा फायदे
जानिए सिलबट्टे और मिक्सर ग्राइंडर में से क्या है अच्छा. 

Healthy Tips: हम जो कुछ खाते और पकाते हैं उसे लेकर हमारी यही कोशिश रहती है कि इससे हमारी सेहत दुरुस्त रह सके. खानपान में एक से बढ़कर एक सब्जी, मसालों और अनाजों का इस्तेमाल किया जाता है और चाव से इनका लुत्फ उठाया जाता है. लेकिन, खानपान में जिन चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है उतना ही उन चीजों को तैयार करने का तरीका भी सेहत को प्रभावित करता है. हम बात करें रहें हैं मसाले और चटनी पीसने वाले मिक्सर और सिलबट्टे की. सिलबट्टा (Silbatta) यानी मसाले पीसने वाला पत्थर आज भी कई घरों में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन मध्यम और उच्चवर्गीय लोग मिक्सर का ही इस्तेमाल करते हैं. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि सेहत के लिए क्या बेहतर है, सिलबट्टा या मिक्सर (Mixer) का इस्तेमाल. 

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सिलबट्टा या मिक्सर, क्या है बेहतर 

स्वाद में लाजवाब - मिक्सर ग्राइंडर काम को चुटकियों में कर देता है और इससे मसाले या चटनियां (Chutney) पीसना बाएं हाथ का खेल हो जाता है. लेकिन, कहते हैं कि सिलबट्टे पर जो कुछ बनाया जाता है उसका स्वाद ही कुछ और होता है. सिलबट्टे को चलाने में मेहनत जरूर लगती है लेकिन स्वाद में सिलबट्टे की चटनी का कोई जवाब नहीं होता. सिलबट्टे पर जब मसाले या चटनियां बनती हैं तो उससे निकलने वाले नेचुरल ऑयल्स फ्लेवर को और बेहतर कर देते हैं. 

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बेहतर तरह से ब्लेंड होते हैं मसाले - मिक्सर में पुदीना या धनिया के पत्ते छोटे-छोटे टुकड़ों में कटते हैं लेकिन सिलबट्टे पर ये पत्ते अच्छी तरह से ब्लेंड होते हैं. बार-बार जब एक के ऊपर एक मसाले को पीसा जाता है तो मसाले बेहतर तरह से घुल-मिल जाते हैं और स्वाद के साथ-साथ टेक्सचर में भी बदलाव आता है. 

अपने हाथ रहती है कंसिस्टेंसी - मिक्सर में सेटिंग्स करके बार-बार कंसिस्टेंसी चेंज की जा सकती है, लेकिन सिलबट्टे पर यह काम आसान हो जाता है. जैसे-जैसे सिलबट्टे पर हाथ चलता जाता है वैसे-वैसे चटनी की कंसिस्टेंसी का अंदाजा लगता जाता है. 

हाथों की हो जाती है कसरत - कभी-कभी मेहनत करना उतना बुरा भी नहीं है. जब सिलबट्टे पर मसाला पीसा जाता है हाथ और बाहें टोंड होने लगती हैं. सिलबट्टे से बिल्कुल डंबल उठाने जितनी कसरत (Exercise) हो जाती है. 

ऐसे में कहा जा सकता है कि स्वाद और सेहत के मामले में सिलबट्टे का इस्तेमाल ज्यादा फायदेमंद है. हालांकि, रोजाना ना सही लेकिन कभी-कभी मिक्सर के बजाए सिलबट्टे का इस्तेमाल किया जा सकता है. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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