Parenting Advice: बच्चे जैसे-जैसे बड़े होते जाते हैं वैसे-वैसे उनके व्यवहार में भी बदलाव होने लगता है. वहीं, माता-पिता की दी हुई परवरिश और परिवार का वातावरण भी बच्चों की आदतों को शेप देता है. कई बार बच्चे बहुत चिढ़चिढ़े होने लगते हैं तो कुछ बच्चे जब कुछ पाना चाहते हैं तो चीखने-चिल्लाने लगते हैं. बच्चों का लड़ाकू और मार-पीट करने वाला होना भी बुरे व्यवहार (Bad Behavior) की गिनती में आता है. बच्चे का ऐसा व्यवहार उसे जिंदगी के कई पड़ावों पर मुश्किल में भी डाल सकता है. ऐसे में, अगर आपके बच्चे की भी इसी तरह की बुरी आदतें हैं और आप इन आदतों को सुधारना चाहते हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखा जा सकता है.
बच्चों के बुरे व्यवहार को सुधारने के लिए क्या करें
चीजों से खुश करने की ना करें कोशिशमाता-पिता अक्सर बच्चों को खुश करने के लिए या रोते बच्चों को चुप कराने के लिए उन्हें कोई चीज या मोबाइल फोन पकड़ा देते हैं. ऐसे में बच्चा जिद्दी होने लगता है, उसकी मांगें तब तक जस की तस बनी रहती हैं जबतक कि उसे अपनी मुंहमांगी चीज नहीं मिल जाती. इसीलिए माता-पिता (Parents) को बच्चे से बात करके उसे समझाने पर जोर देना चाहिए, चुप करा देने के लिए कोई खिलौना नहीं पकड़ाना चाहिए.
कुछ गलत कहे तो तुरंत समझाएंअक्सर बच्चे कुछ ना कुछ ऐसा बोल देते हैं जोकि सही नहीं होता है, चाहे गाली-गलौज करना हो या फिर किसी को कोई अपशब्द कहना. बच्चों की इस तरह की बातों को नजरअंदाज करने के बजाय पैरेंट्स को उन्हें डांटना या समझाना चाहिए. जिससे बच्चे को पता हो कि उसे क्या नहीं कहना चाहिए और क्या कहने पर माता-पिता गुस्सा हो सकते हैं.
अपनी गलती सुधारना सिखाएंजब बच्चा कोई गलती करता है या किसी से झगड़ता है, तो बच्चे को उसकी गलती सुधारने के लिए कहें. बच्चे से कहें कि वो अपनी गलती के लिए खुद सामने वाले व्यक्ति से माफी मांगे या पूछे कि क्या उन्हें उसके व्यवहार से तकलीफ हुई है. लेकिन, यह इस तरह करें कि बच्चे (Child) को शर्मिंदगी ना हो बल्कि उसे गलती का एहसास हो.
अच्छी बातों के लिए करें सराहनाजब बच्चा कुछ अच्छा करता है तो उसकी सराहना करें जिससे बच्चे को समझ आए कि उसके अच्छे कामों को देखा और सराहा जा रहा है. इस तरह बच्चा खुद अपने व्यवहार को सुधारने के लिए प्रोत्साहित होता है.
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