कितना जरूरी है रेगुलर चेकअप.. जानिए क्‍या हैं इसके फायदे

कितना जरूरी है रेगुलर चेकअप.. जानिए क्‍या हैं इसके फायदे

नयी दिल्‍ली:


आज के दौर में रूटीन चेकअप सभी की जरूरत बन गया है. बदलते लाइफस्‍टाइल और तेजी से भागती जिंदगी में आप कब, किस बीमारी की गिरफ्त में आ जाएं, कह नहीं सकते. ऐसे समय में ये जरूरी हो जाता है कि हम नियमित रूप से चेकअप कराते रहें और अपनी हेल्‍थ को लेकर र्प्‍याप्‍त सावधानी बरतते रहें. आइए जानते हैं रूटीन चेकअप आपके लिए किस तरह फायदेमंद साबित हो सकता है.

आपका ब्‍लड प्रेशर हाई रहे या लो, दोनों ही स्थिति में ये जरूरी हो जाता है कि आप अपने ब्‍लड प्रेशर की नियमित रूप से जांच कराते रहें, क्‍योंकि यह आपके स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित करता है. हाई ब्‍लड प्रेशर रहने पर हार्ट अटैक और स्‍ट्रोक के चांस बढ़ जाते हैं. ऐसे में आप जब भी अपने डॉक्‍टर के पास जाएं, अपना बीपी जरूर चैक कराते रहें.
 


आपका कद न बढ़ने का एक कारण ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है. रीड़ की हड्डी में कम्प्रेशन होने से भी आपकी हाईट पर असर पड़ता है.

आपको नियमित रूप से अपने वजन को मापते रहना चाहिए. अचानक बहुत तेजी से वजन बढ़ना और घटना, दोनों ही किसी बीमारी से पीड़ित होने के संकेत देते हैं. वजन अधिक बड़ने का अर्थ दिल, लीवर और किडनी की बीमारी की ओर वहीं वजन घटना इंफेक्‍शन या कैंसर की तरफ इशारा करता है. थायराइड होने पर भी वजन तेजी से बढ़ाने या घटने लगता है.
 

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समय-समय पर अपना ब्‍लड टेस्‍ट कराते रहें. इससे ब्‍लड में ग्लूकोज लैवल, ब्‍लड इलेक्ट्रोलाइट काऊंट का पता चलता रहेगा, जो किंडनी और हार्ट की समस्‍याओं को इंगित करते हैं.
 

लिवर फंक्शन टेस्‍ट (एलएफटी) संक्रमण, सूजन या जिगर की कोशिकाओं को हो रहे नुकसान का पता लगाने के लिए किया जाता है. एलएफटी का बढ़ना ये संकेत देता है कि आपका लीवर सही तरीके से काम नहीं कर रहा है.
 

रूटीन यूरिन टेस्‍ट शूगर का पता लगाने के लिए कराया जाता है. यूरिन संक्रमण, रंग में बदलाव या दुर्गंध आना, यूरिन निष्काशन के समय दर्द, किसी बीमारी या रक्त का आना और बुखार हो जाना किसी बड़ी बीमारी के लक्षण  भी हो सकते हैं.
 

फेफड़ों में किसी प्रकार की समस्‍या का पता लगाने के लिए एक्स रे कराया जाता है. एक्‍स रे से तपेदिक, वातस्फीति या फेफड़ों के कैंसर का समय रहते पता लगाया जा सकता है.
 

हार्ट अटैक, एनजाइना, हार्ट ब्‍लॉक, हार्ट का तेज धड़काना आदि का पता लगाने के लिए इलैक्ट्रोकार्डियोग्राफी (ईसीजी) कराया जाता है.  कहा जाता है कि 50 साल के आसपास हर पुरुष और महिला को ईसीजी कराने की सलाह दी जाती है.
 

हर वयस्क को अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चैक कराना चाहिए. हाई ब्‍लड कोलेस्ट्रॉल आपके दिल के लिए नुकसानदायक हो सकता है. बढ़ती उम्र के साथ यह जोखिम कम होता जाता है और आमतौर पर हर बुजुर्ग को भी इसे करने की सलाह नहीं दी जाती.
 

जिन महिलाओं की उम्र 50 साल से अधिक है उन्‍हें मैमोग्राफी जरूर करानी चाहिए. यह ब्रेस्‍ट ट्यूमर का पता लगाने में मदद करता है.
 

हर तीन साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्‍ट कराना चाहिए. इससे बच्चेदानी में कैंसर का पता आसानी से लगाया जा सकता है.
 

 

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