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This Article is From May 27, 2022

दूसरों के घर जाने पर बच्चे ना करें बुरा बर्ताव, तो उन्हें जरूर सिखाएं ये 5 बातें, शर्मिंदगी से बच जाएंगे आप

Teaching Children How To Behave: माता-पिता को अपने बच्चे को यह जरूर सिखाना चाहिए कि बाहर जाकर उन्हें किसी के घर में किस तरह से बर्ताव करना है. ये कुछ बातें बच्चों को छोटी उम्र से ही समझा देनी चाहिए.

दूसरों के घर जाने पर बच्चे ना करें बुरा बर्ताव, तो उन्हें जरूर सिखाएं ये 5 बातें, शर्मिंदगी से बच जाएंगे आप
Behaviour Management in Kids: बच्चों को बाहर जाकर कैसे पेश आना है यह माता-पिता को जरूर सिखाना चाहिए.

Parenting Tips: माता-पिता अक्सर बच्चों को अपने दोस्त या रिशतेदारों के घर ले जाते हैं, लेकिन ताज्जुब उस वक्त होता है जब बच्चा (Child) कुछ अलग ढंग से रिएक्ट करता है. कई बार हो सकता है कि आपका शांत बैठे रहने वाले बच्चा किसी दूसरे घर में जाकर एक जगह बैठे ही नहीं, या फिर कोई ऐसी शरारत कर जाए जो आपने उसे पहले कभी करते हुए नहीं देखा. नई जगह या नए लोगों के बीच बच्चे अक्सर इसी तरह बिहेव (Behave) करते हैं. इसलिए ये जरूरी है कि उन्हें नई जगह ले जाने से पहले ही कुछ बातें धीरे-धीरें सिखाएं जिससे वे किसी और के घर जाकर बुरा बर्ताव (Misbehave) ना करें और आपको शर्मिंदा ना होना पड़े.

बच्चों को अच्छा बर्ताव करना सिखाना | Teaching Children How To Behave 


बच्चे अगर किसी दूसरे के घर जाकर हर चीज छूटे हैं तो सामने वाले को बुरा भी लग सकता है. चीजें ना छूने की आदत भी घर से ही डालें. कौन सी चीज उनके खेलने की है और कौन सी चीज दूर से ही छूने की है ये सीख (Lesson) घर के सामान से ही मिलना जरूरी है. बच्चों की जिज्ञासा उन्हें हर चीज छूकर या पास जाकर देखने पर मजबूर करती है. आप घर से ही ये समझा दें कि जिस चीज के लिए मना किया जाए वो नहीं छूनी है, तब ही वे बाहर जाकर भी ऐसा नहीं करेंगे.
 


घर में बच्चे क्या खाएंगे और क्या नहीं ये बहुत कुछ पैरेंट्स ही तय करते हैं. लेकिन, बाहर जाकर बच्चों को थोड़ा ही मौका मिले तो वे अपनी ईटिंग हैबिट्स (Eating Habits) से अलग कुछ भी खाने लगेंगे. इसलिए कहीं बाहर जाने से पहले ही बच्चों को ये समझा दें कि उन्हें खुद कुछ लेकर नहीं खाना है. खाने-पीने के तौर-तरीके उन्हें घर से ही सिखाने होंगे.


हो सकता है बच्चों के कुछ ऐसे फ्रेंड्स हों जो अक्सर साथ खेलते हों. एक-दूसरे के घर भी अच्छा आना और जाना हो. लेकिन, कम उम्र से ही बच्चों को दोस्तों के घर जाने का सही समय समझाना जरूरी है. किसी के खाने या आराम करने के समय पर बच्चे उनके घर ना जाएं. इसके अलावा घर के लोगों के व्यस्त समय पर भी बच्चों का वहां जाना अच्छी बात नहीं मानी जाएगी.


बच्चों को ये भी सिखाएं कि वो अगर किसी के घर गया हो तो वहां से लौटते समय घर के किसी बड़े को जरूर बताए. बिना बताए वापसी करना बच्चों में गैर जिम्मेदार आदतों को बढ़ाता है.

जब बच्चे किसी परिचित या रिश्तेदार के घर जा रहे हों तो जरूरी है कि उस घर के बड़े-बुजुर्गों का आदर-सम्मान करें. साथ ही, उस घर के नियमों का पालन करें. उदाहरण के तौर पर यदि आपके घर में जूते पहनकर ड्राइंग रूम तक आना वर्जित नहीं है, लेकिन जिनके घर आप जा रहे हो वहां जूते-चप्पल बाहर उतारने की परंपरा हो तो उस घर के नियम का पालन बच्चों को करना ही चाहिए.

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