Baby Care Myths and Facts : नए पैरेंट्स (Parents) को न्यूबॉर्न बेबी का खास ख्याल रखना पड़ता है. नवजात की देखभाल में एक्स्ट्रा हाइजीन और केयर की जरूरत होती है. ताकि नन्हा-मुन्ना खिलखिलाता रहे. हालांकि, कई बार बच्चे की देखभाल (Care) को लेकर इतने सलाह और इंटरनेट पर ढेर सारी जानकारियों के बाद नए पैरेंट्स कंफ्यूज हो जाते हैं. क्या सही और क्या गलत है, इसका अंतर नहीं समझ बाते हैं. ऐसे में यहां जानिए बच्चे की देखभाल (Newborn Baby Care) को लेकर किन बातों को सच नहीं मानना चाहिए...
आयुर्वेद में बताया गया है केला खाने का सही समय, इससे एसिडिटी होगी दूर, मिलेंगे ज्यादा फायदे
Myth 1. काजल लगाने से बच्चों की आंखों बड़ी हो जाती हैं
Fact- अक्सर घर के बड़े-बुजुर्ग को कहते सुना होगा कि काजल लगाने से बच्चों की आंखें बड़ी होती हैं, इसलिए बच्चे की आंखों में काजल जरूर लगाना चाहिए लेकिन ये बात गलत है. कई डॉक्टरों का कहना है कि काजल से आंखों के बड़े-छोटे होने का कोई कनेक्शन नहीं है. बच्चों की आंखे जेनेटिक होती हैं और अपने पैरेंट्स की तरह ही होती हैं.
Myth 2. दांत निकलते ही बच्चे को टूथपेस्ट करवाना चाहिए
Fact- डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों की उम्र तीन साल होने के बाद ही उन्हें टूथपेस्ट करवाना चाहिए. छोटे बच्चे के दांत साफ करने के लिए गर्म पानी में ब्रश भिगोकर करवाना चाहिए.
आलिया भट्ट जैसा क्यूट फेस चाहिए तो उनका यह सीक्रेट आप भी करें फॉलो, बस इसके लिए चाहिए बर्फ
Myth 3. बच्चों को वॉकर में डालने से बच्चा जल्दी चलने लगता है
Fact- अक्सर डॉक्टर वॉक का इस्तेमाल करने से मना करते हैं. उनका कहना है कि छोटी सी उम्र में ही बच्चों को वॉकर मं डालने से कई दिक्कतें भी हो सकती हैं. कई बार वॉकर की हाइट बच्चे से ज्यादा होने पर बच्चा पंजे से चलने की कोशिश करने लगता है, जो उसके बड़े होने तक भी उसके साथ रहती है. इससे कई परेशानियां हो सकती हैं.
Myth 4. छोटे बच्चों को मोबाइल दिखाने से बच्चा देर से बोल पाता है
Fact- मोबाइल देखने से छोटे बच्चों को फिजिकली ही नहीं मेंटली भी प्रॉब्लम हो सकती है. ज्यादा स्क्रीन टाइम से उनमें मोटापा आ सकता है, जिसकी वजह से वे देर से बोलना शुरू कर पाते हैं.
Myth 5. बच्चों को किस उम्र में दूध के साथ बाकी चीजें देनी चाहिए
Fact- छह महीने के बाद ही बच्चे को दूध के साथ अनाज, फल देनी चाहिए, क्योंकि दूध से सभी न्यूट्रिशन नहीं मिल पाते. कई बार इससे बच्चे एनीमिया के शिकार हो सकते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
Monsoon Diet: न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया मॉनसून में कैसा होना चाहिए खानपान
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं