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बार-बार गैस-एसिडिटी परेशान करती है तो घर पर बनाकर रख लें ये चूर्ण, आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया शांत रहेगा पेट

Ayurveda for acidity: आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट ने एक खास चूर्ण के बारे में बताया है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को अंदर से ठंडक देकर गैस और एसिडिटी की समस्या में राहत दे सकता है. आइए जानते हैं इसके बारे में-

बार-बार गैस-एसिडिटी परेशान करती है तो घर पर बनाकर रख लें ये चूर्ण, आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया शांत रहेगा पेट
गैस-एसिडिटी होने पर खा लें ये आयुर्वेदिक चूर्ण

Gas-Acidity Remedy: क्या आप हर थोड़े समय पर होने वाली गैस और एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं? अगर हां, तो बता दें कि पेट की ये दिक्कतें हमारे खानपान और जीवनशैली की गड़बड़ियों का नतीजा होती हैं. इससे अलग अगर आपको सीने में जलन, खट्टी डकार, सिरदर्द, त्वचा पर रैशेज, या शरीर में लगातार गर्मी महसूस होती है, तो ये पित्त दोष की निशानी भी हो सकती है. अब, राहत की बात यह है कि आयुर्वेद में कई ऐसी औषधीय जड़ी-बूटियों के बारे में बताया गया है, जो इन परेशानियों में नेचुरल तरीके से राहत देने में असर दिखा सकती हैं. 

इसी कड़ी में यहां हम आपको एक ऐसे ही आयुर्वेदिक चूर्ण के बारे में बता रहे हैं, जिसे आप घर पर आसानी से तैयार कर सकते हैं. ये चूर्ण न केवल आपको गैस और एसिडिटी से राहत देने में असर दिखाएगा, बल्कि पेट को शांत रखकर पाचन क्रिया को भी मजबूत बनाएगा. इस खास चूर्ण के बारे में फेमस आयुर्वेदिक न्यूट्रिशनिस्ट श्वेता शाह ने बताया है.

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क्या कहती हैं एक्सपर्ट?

मामले को लेकर न्यूट्रिशनिस्ट ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर की है. अपनी इस पोस्ट में वे बताती हैं, आयुर्वेद के अनुसार पित्त दोष बढ़ जाने पर शरीर में गर्मी बढ़ जाती है, जिससे पाचन से लेकर त्वचा तक कई समस्याएं होती हैं. आप इन समस्याओं को ठीक करने के लिए एक खास चूर्ण बनाकर खा सकते हैं. ये चूर्ण शरीर को ठंडक देता है और पित्त को शांत करता है. 

चाहिए होंगी ये सामग्री 
  • चूर्ण बनाने के लिए आपको 50 ग्राम यष्टिमधु (मुलेठी)
  • 50 ग्राम आंवला
  • 50 ग्राम गिलोय
  • 50 ग्राम खस (उशीर)
  • 50 ग्राम सौंफ 
  • 50 ग्राम सूखा धनिया पाउडर और
  • 25 ग्राम मिश्री की जरूरत होगी.
इस तरह बनाएं और खाएं
  • सभी सामग्री को बारीक पीस लें और अच्छे से मिलाकर एक एयर टाइट डिब्बे में भरकर रख लें. 
  • न्यूट्रिशनिस्ट रोज इस चूर्ण को सुबह खाली पेट और शाम के समय खाने की सलाह देती हैं. 
  • सुबह-शाम आधा चम्मच इस चूर्ण को मिट्टी के घड़े के पानी (पॉट वॉटर) के साथ लें.

श्वेता शाह बताती हैं, यह चूर्ण ठंडी प्रकृति की जड़ी-बूटियों से बना है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर को अंदर से ठंडक और संतुलन देता है. इसके रोजाना सेवन से आप प्राकृतिक रूप से अपनी सेहत को सुधार सकते हैं. 

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.


 

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