प्रतीकात्मक तस्वीर
नोटबंदी के तमाम नफा-नुकसान की बहसबाजियों के बीच एक बात जो सबसे अच्छी हुई, वो ये कि इसने हमारी सहनशक्ति बढ़ा दी. इसका फायदा आपको तब और समझ आएगा जब 1 जनवरी को आप अपने जिम में दाखिल होंगे.
दरअसल, नए साल की शुरुआत के साथ ही न्यू ईयर रिजॉल्यूशन की फेहरिस्त भी तैयार होने लगती है. ये अलग बात है अधिकतर लोग उनपर अमल नहीं कर पाते हैं. खैर, ऐसी लिस्ट में फिटनेस से जुड़ी कोई न कोई बात शामिल होती ही है. स्मोकिंग छोड़ना, वज़न कम करना, रोज सैर पर निकलना, जिम में पसीने बहाना, वगैरह वगैरह.
इसलिए, अगर आप नियमित तौर पर जिम जाते हैं या किसी पार्क में टहलने जाते हैं तो नए साल के शुरुआती दिनों में आपको ऐसा कुछ देखने को मिल सकता है...
- आम दिन से ज्यादा चहल-पहल, जोश से भरपूर लोग;
-नए चेहरे (इन्हें आपने पहले कभी नहीं देखा, शायद कुछ दिन बाद ये लुत्प भी हो जाएंगे);
-ज्यादा भीड़, मतलब हर एक मशीन या इक्विपमेंट के लिए इंतज़ार करना पड़ सकता है;
-आसपास अचानक ज्यादा लोग होने की वजह से टहलने/दौड़ने की रफ्तार भी धीमी हो सकती है.
लेकिन फिक्र न करें, ये जो नई बहार आपके जिम में आई है, वो सिर्फ चार दिन की चांदनी है और दोबारा अगले साल के मौके पर ही लौटेगी. यकीन मानिये ये सब फर्जी बातें नहीं हैं. ऐसे कई लोग हैं जो बड़े शौक से फिटनेस रिजॉल्यूशन तैयार करते हैं, लेकिन उसे 'पास' नहीं कर पाते.
इन वजहों से पूरा नहीं हो पाता फिटनेस रिजॉल्यूशन...
अकेले शुरुआत करना
अगर आपने फैसला किया कि आप हर रोज़ या नियमित तौर पर जिम जाएंगे या सैर पर निकलेंगे, तो हो सकता है शुरुआती दिनों में जोश में आकर आप ऐसा करने में सफल भी हो जाएं. लेकिन धीरे धीरे वक्त बीतने के साथ आप अपने प्लान्स को लेकर नरमी बरतने लगेंगे और जिम/वॉक पर जाना टालने लगेंगे. ये आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई है. इसलिए कोशिश करें कि अपने प्लान में किसी न किसी तरह से एक अनुशासित शख्स को शामिल करें जो आपको अपने रिजॉल्यूशंस को पूरा करने के लिए प्रेरित करता रहे.
'गलत' प्लान ऑफ एक्शन
अगर आपने खुद से वादा किया कि रोज़ मॉर्निंग वॉक पर निकलेंगे, लेकिन लेट नाइट ऑफिस शिफ्ट के कारण इसे अमल ही न कर पाएं, तो क्या फायदा? वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने टारगेट को हफ्तों या महीनों में बांटने की जगह पूरे साल भर के लिए सेट कर लेते हैं. ऐसे में वे अपना लक्ष्य साधने में सुस्त पड़ जाते हैं. इसलिए अपने पूरे प्लान को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटे. इन्हें पूरा करना आसान है. जब भी आप एक लेवल पूरा करेंगे आपका आत्मविश्वास और जोश भी बढ़ेगा जिससे आप और भी अनुशासित होकर अपना फिटनेस प्रोग्राम पूरा कर सकेंगे.
पैसों की समस्या
आपने पैसे बचा-बचाकर जिम की महंगी मेंबरशिप तो ले ली. लेकिन इतना काफी नहीं. आगे भी आपको अपनी डाइट पर खर्च करना होगा. इसलिए, अपने बजट के हिसाब से फिट रहने का ज़रिया चुनें. ऐसा भी नहीं कि केवल जिम जाने से ही आपका शरीर शेप में रहेगा या आप फिट रह सकते हैं. आप योग, डांस या सैर पर जाकर भी फिट रह सकते हैं. घर के काम करने से भी शरीर तंदरुस्त रहता है. हां, लेकिन हेल्दी खान-पान के मामले में कोई कंजूसी नहीं चलेगी.
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दरअसल, नए साल की शुरुआत के साथ ही न्यू ईयर रिजॉल्यूशन की फेहरिस्त भी तैयार होने लगती है. ये अलग बात है अधिकतर लोग उनपर अमल नहीं कर पाते हैं. खैर, ऐसी लिस्ट में फिटनेस से जुड़ी कोई न कोई बात शामिल होती ही है. स्मोकिंग छोड़ना, वज़न कम करना, रोज सैर पर निकलना, जिम में पसीने बहाना, वगैरह वगैरह.
इसलिए, अगर आप नियमित तौर पर जिम जाते हैं या किसी पार्क में टहलने जाते हैं तो नए साल के शुरुआती दिनों में आपको ऐसा कुछ देखने को मिल सकता है...
- आम दिन से ज्यादा चहल-पहल, जोश से भरपूर लोग;
-नए चेहरे (इन्हें आपने पहले कभी नहीं देखा, शायद कुछ दिन बाद ये लुत्प भी हो जाएंगे);
-ज्यादा भीड़, मतलब हर एक मशीन या इक्विपमेंट के लिए इंतज़ार करना पड़ सकता है;
-आसपास अचानक ज्यादा लोग होने की वजह से टहलने/दौड़ने की रफ्तार भी धीमी हो सकती है.
लेकिन फिक्र न करें, ये जो नई बहार आपके जिम में आई है, वो सिर्फ चार दिन की चांदनी है और दोबारा अगले साल के मौके पर ही लौटेगी. यकीन मानिये ये सब फर्जी बातें नहीं हैं. ऐसे कई लोग हैं जो बड़े शौक से फिटनेस रिजॉल्यूशन तैयार करते हैं, लेकिन उसे 'पास' नहीं कर पाते.
इन वजहों से पूरा नहीं हो पाता फिटनेस रिजॉल्यूशन...
अकेले शुरुआत करना
अगर आपने फैसला किया कि आप हर रोज़ या नियमित तौर पर जिम जाएंगे या सैर पर निकलेंगे, तो हो सकता है शुरुआती दिनों में जोश में आकर आप ऐसा करने में सफल भी हो जाएं. लेकिन धीरे धीरे वक्त बीतने के साथ आप अपने प्लान्स को लेकर नरमी बरतने लगेंगे और जिम/वॉक पर जाना टालने लगेंगे. ये आरोप नहीं, बल्कि सच्चाई है. इसलिए कोशिश करें कि अपने प्लान में किसी न किसी तरह से एक अनुशासित शख्स को शामिल करें जो आपको अपने रिजॉल्यूशंस को पूरा करने के लिए प्रेरित करता रहे.
'गलत' प्लान ऑफ एक्शन
अगर आपने खुद से वादा किया कि रोज़ मॉर्निंग वॉक पर निकलेंगे, लेकिन लेट नाइट ऑफिस शिफ्ट के कारण इसे अमल ही न कर पाएं, तो क्या फायदा? वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने टारगेट को हफ्तों या महीनों में बांटने की जगह पूरे साल भर के लिए सेट कर लेते हैं. ऐसे में वे अपना लक्ष्य साधने में सुस्त पड़ जाते हैं. इसलिए अपने पूरे प्लान को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटे. इन्हें पूरा करना आसान है. जब भी आप एक लेवल पूरा करेंगे आपका आत्मविश्वास और जोश भी बढ़ेगा जिससे आप और भी अनुशासित होकर अपना फिटनेस प्रोग्राम पूरा कर सकेंगे.
पैसों की समस्या
आपने पैसे बचा-बचाकर जिम की महंगी मेंबरशिप तो ले ली. लेकिन इतना काफी नहीं. आगे भी आपको अपनी डाइट पर खर्च करना होगा. इसलिए, अपने बजट के हिसाब से फिट रहने का ज़रिया चुनें. ऐसा भी नहीं कि केवल जिम जाने से ही आपका शरीर शेप में रहेगा या आप फिट रह सकते हैं. आप योग, डांस या सैर पर जाकर भी फिट रह सकते हैं. घर के काम करने से भी शरीर तंदरुस्त रहता है. हां, लेकिन हेल्दी खान-पान के मामले में कोई कंजूसी नहीं चलेगी.
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