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This Article is From Apr 29, 2018

आपके घरों की LED लाइट्स बन रही है कैंसर की वजह, महिलाओं को ज्यादा खतरा

4,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया कि जो लोग लेड की रोशनी में ज्यादा रहते हैं, उन्हें ऐसी रोशनी में कम रहने वालों की तुलना में स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा डेढ़ गुना बढ़ जाता है.

आपके घरों की LED लाइट्स बन रही है कैंसर की वजह, महिलाओं को ज्यादा खतरा
एलईडी की नीली रोशनी से स्तन, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा
नई दिल्ली: आउटडोर एलईडी स्क्रीन्स से निकलने वाली नीली रोशनी से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. अंतर्राष्ट्रीय शोधकर्ताओं के एक दल ने यह निष्कर्ष निकाला है. ब्रिटेन के यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटेर और बार्सिलोना इंस्टीट्यूट फॉर ग्लोबल हेल्थ (आईएसग्लोबल) ने मैड्रिड और बार्सिलोना में 4,000 लोगों पर किए गए एक अध्ययन में पाया कि जो लोग लेड की रोशनी में ज्यादा रहते हैं, उन्हें ऐसी रोशनी में कम रहने वालों की तुलना में स्तन और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा डेढ़ गुना बढ़ जाता है.

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यह शोध एनवायर्नमेंटल हेल्थ पर्सपेक्टिव्स नामक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है. इसमें पाया गया कि एलईडी लाइट्स से निकलने वाली 'नीली रोशनी' शरीर की जैविक घड़ी को प्रभावित करती है, जिससे नींद का पैटर्न बदल जाता है. इससे जिस्म में हार्मोन के स्तर पर असर होता है. 

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स्तन और प्रोस्टेट कैंसर दोनों हार्मोन से जुड़ी खराबी के कारण होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की अंतर्राष्ट्रीय कैंसर शोध एजेंसी (आईएआरसी) ने मनुष्यों के लिए रात की पाली में काम करने को कैंसर का खतरा बताया है. 

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ईएसग्लोबल की शोधार्थी और अध्ययन की संयोजक मेनोलिस कोजेविन्स ने बताया, "इस शोध में हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि शहरों में रात में रोशनी में रहने से कहीं इन दोनों तरह के कैंसर के विकास का संबंध तो नहीं है." (इनपुट - आईएएनएस)

देखें वीडियो - स्‍तन कैंसर से जुड़ी ये बातें जानना है जरूरी...
 

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