Mahakumbh 2025 : 'कुंभ' स्नान और मेला 13 जनवरी से शुरू हो जाएगा. प्रशासन की तरफ से मेले की तैयारियों को अंतिम चरण दिया जा रहा है. आपको बता दें कि इस बार 'महाकुंभ' है जिसका मुहूर्त 144 साल बाद आता है. ऐसे में साल 2025 में लगने वाले कुंभ मेले में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है. आप भी घर परिवार के साथ कुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं, तो जानकारी के लिए बता दें प्रयागराज सिर्फ संगम नगरी और कुंभ मेले तक ही सीमित नहीं है बल्कि इस शहर में कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें हैं जहां पर आप पवित्र स्नान करने के बाद घूम सकते हैं. अगर आपको इतिहास में दिलचस्पी है तो फिर निश्चित ही आपको ये जगहें जरूर लुभाएंगी. तो चलिए आपको बताते हैं 5 ऐसी हिस्टोरिक प्लेसेस के बारे में जहां पर आपको एकबार जरूर जाना चाहिए....
Mahakumbh mela 2025 : कुंभ कितने प्रकार के होते हैं, यहां जानिए
इलाहाबाद किला1583 में मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया यह किला आप घूम सकते हैं. आपको यहां पर अक्षयवट पेड़, अशोक स्तंभ, भूमिगत मंदिर देखने को मिलेंगे. जो मुगल आर्किटेक्चर का एक उत्कृष्ट नमूना पेश करता है.
आनंद भवनयह नेहरू परिवार का निवास स्थान हुआ करता था. इसका निर्माण 1930 में मोतीलाल नेहरु ने कराया था. जिसे बाद में संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया. यहां पर नेहरु परिवार और आजादी से जुड़ी जानकारियां आपको जानने का मौका मिलेगा.
खुसरो बागमुगल शासन के समय का यह बागीचा भी प्रयागराज में सबसे बड़ा आकर्षण केंद्र है. बताया जाता है कि यह जगह राजकुमार खुसरो का आरामगाह हुआ करता था. यहां पर आपको आने के बाद बहुत ही सुकून मिलने वाला है क्योंकि यहां की प्राकृतिक सुंदरता आपको मानसिक शांति प्रदान करेगी.
भारद्वाज आश्रमआपको बता दें कि इस आश्रम को लेकर कहा जाता है कि वनवास के दौरान मर्यादा पुरुषोत्तम राम, देवी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ यहां पर ठहरे थे. यहां पर भरत और सीता कुंड भी आपको देखने को मिलेगा. ऐसी मान्यता है कि यहां पर त्रेतायुग में भगवान राम ने भरतकुंड के पास यज्ञ किया था. इस आश्रम में आपको शिवालय भी देखने को मिलेगा जो भारद्वाज ऋषि के समय से जैसा थी वैसी ही बना हुआ है. अगर आपको भारतीय संस्कृति, पौराणिक कथा कहानियों में दिलचस्पी है तो फिर आपको इस आश्रम में एकबार जरूर जाना चाहिए.
त्रिवेणी संगमआपको महाकुंभ के दौरान त्रिवेणी संगम को तो जरूर देखना चाहिए. ये वो जगह है जहां पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम होता है.ये तीनों नदियां संगम स्थल पर पानी के नीचे ही आपस में मिलती हैं. यहीं पर कुंभ का स्नान होता है और इसलिए ये जगह धार्मिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है.
विक्टोरिया मेमोरियलइटली के संगमरमर पत्थरों से बना एक स्ट्रक्चर है जो लोगों को बहुत पसंद आता है. ये एक छतरी है जिसके नीचे पहले रानी विक्टोरिया की मूर्ति स्थापित की गई थी. बाद में ये मूर्ति हटा ली गई लेकिन छतरी का स्ट्रक्चर अभी भी है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं