
Personality Development: जिस कोंफिडेंस से व्यक्ति अपने परिवार या दोस्तों से बात करता है जरूरी नहीं कि उसी कोंफिडेंस के साथ वह बाकी लोगों के सामने भी बात कर सके. बहुत से लोगों को पब्लिक स्पीकिंग (Public Speaking) से घबराहट होती है, बहुत सारे लोगों को सामने बोलने में झिझक महसूस होती है और अक्सर ही जब पब्लिक स्पीकिंग का मौका आता है तो व्यक्ति एक वाक्य भी ठीक तरह से नहीं बोल पाता है. मुश्किल तब आती है जब व्यक्ति को लीडरशिप रोल मिलता है या उसके काम की मांग होती है कि उसे सबके सामने बोलना पड़े तो व्यक्ति के हाथ-पैर ठंडे पड़ने लगते हैं. ऐसे में अपनी पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स को बेहतर करने के लिए और लोगों के सामने बोलने का कोंफिडेंस पाने के लिए आपको बहुत ज्यादा कुछ नहीं करना है बल्कि स्पीच थेरैपिस्ट(Speech Therapist) की सलाह माननी है. स्पीच थेरैपिस्ट श्रुति सत्यन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया है जिसपर उन्होंने बताया कि किस तरह पब्लिक स्पीकिंग के डर को खत्म किया जा सकता है और कोंफिडेंस के साथ लोगों के सामने बोला जा सकता है.
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लोगों के सामने कोंफिडेंस के साथ कैसे बोलें । How To Speak Confidently In Public
आइने के सामने करें प्रैक्टिसकोंफिडेंस के साथ बोलने के लिए पहला काम यह किया जा सकता है कि आप बोलने की प्रैक्टिस करें. लोगों के सामने नहीं बल्कि आइने के सामने खड़े होकर बात करें. इस तरह बात करें जैसे आप किसी और के सामने बात कर रहे हैं. आइने में देखकर बोलें, आप कैसे हैं या हाउ आर यू वगैरह.
भाषा को सुधारेंस्पीच थेरैप्सिट कहती हैं कि जब अपनी मातृभाषा या स्थानीय भाषा में बोलते हैं तो आपको लोगों के सामने भी उस भाषा में बोलने से झिझक नहीं होती. लेकिन, अगर किसी दूसरी भाषा जैसे कि इंग्लिश (English Speaking) में अगर लोगों के सामने बोलना हो दिक्कत होती है. ऐसे में अपनी भाषा पर काम करें. भाषा सुधारने पर खुद ब खुद सबके सामने बोलने का कोंफिडेंस आने लगेगा.
किसी से भी बात करनापब्लिक स्पीकिंग को बेहतर करने के लिए एक चीज यह की जा सकती है कि आप किसी से भी बात करना शुरू कर दें. इससे आपकी लोगों के सामने बात करने की झिझक चली जाएगी. कोंफिडेंस बढ़ाने और पब्लिक स्पीकिंग की आदत डालने के लिए यह एक अच्छा काम साबित होगा.
ये टिप्स भी आ सकते हैं काम
- पब्लिक स्पीकिंग स्किल्स को सुधारने के लिए मन में पढ़ने के बजाय किताब को लाउडली बोलते हुए पढ़ें. इससे स्पीच क्लियर होने लगेगी.
- बॉडी लैंग्वेज (Body Language) का भी असर पड़ता है. इसके लिए हाथ हिलाते हुए और कोंफिडेंट पोज में खड़े होकर बोलें. आपकी बॉडी लेंग्वेज झिझक भरी नहीं होनी चाहिए.
- आई कोंटेक्ट करते हुए बात की जा सकती है. इससे बोलने का कोंफिडेंस बढ़ता है.
- थोड़ी-थोड़ी देर रुककर बोलें. लगातार बिना रुके बोलते रहने पर कई बार व्यक्ति अपनी बात साफ तरह से नहीं कह पाता है.
- जो बात करनी है उसपर फोकस्ड रहें. बोलते-बोलते कहीं की बात कहीं ओर ना ले जाएं.
- अगर नर्वस महसूस होता है तो गहरी सांस लें. इससे रिलैक्स्ड महसूस होगा.
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