बरसात का मौसम जहां एक ओर अपने साथ लाता है गर्मी से राहत, वहीं इस मौसम के साथ आती हैं कई तरह की बीमारियां और संक्रमण. इन्हीं में से एक है आई इंफेक्शन या आंखों का संक्रमण. मॉनसून के दिनों में होने वाली उमस आंखों में इंफेक्शन का मुख्य कारण होती है. यह आंखों की कंजंगक्टवाइटिस (आंखों के ऊपरी भाग पर सूजन आना), आई साइट (पलकों पर सूजन) और अवांछित कॉर्नील (कोर्नीया से संबंधित) अल्सर पर हमला कर देते हैं.
-अगर आपकी आंखें किसी भी तरह से लाल दिखती हैं, सूजन और आंखों में जलन होती है, तो अपने अनुभव के अनुसार दवाई न लें. इसकी बजाय, किसी आंखों के विशेषज्ञ से सलाह लें.
-कंजंगक्टवाइटिस, कार्नील अल्सर, पलक पर नमी से इंफेक्शन हो जाना जैसी रोग मॉनसून के दिनों में काफी सामान्य हैं.
-लोग मॉनसून का मौसम एंजॉय करते हैं, लेकिन वे इस बात से अंजान होते हैं कि आंखें बारिश के संपर्क में सीधे नहीं आनी चाहिए, क्योंकि बारिश के पानी से कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है.
-मॉनसून के दिनों में कॉर्नील अल्सर एक सबसे गंभीर इंफेक्शन होता है. कॉर्निया खुले जख्म को विकसित करता है, और अगर गलत तरीके से इसका उपचार किया जाए, तो इससे अंधापन हो सकता है.
-कॉर्नील अल्सर होने पर बहुत ज़्यादा दर्द होता है, पीप या मवाद निकलता है और दृष्टि धुंधली हो जाती है. ऐसा होने पर एकदम नेत्र-विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी होता है और ऐसे में इलाज के लिए किसी भी तरह से देरी नहीं करनी चाहिए.
इनपुट एजेंसी से
-अगर आपकी आंखें किसी भी तरह से लाल दिखती हैं, सूजन और आंखों में जलन होती है, तो अपने अनुभव के अनुसार दवाई न लें. इसकी बजाय, किसी आंखों के विशेषज्ञ से सलाह लें.
-कंजंगक्टवाइटिस, कार्नील अल्सर, पलक पर नमी से इंफेक्शन हो जाना जैसी रोग मॉनसून के दिनों में काफी सामान्य हैं.
-लोग मॉनसून का मौसम एंजॉय करते हैं, लेकिन वे इस बात से अंजान होते हैं कि आंखें बारिश के संपर्क में सीधे नहीं आनी चाहिए, क्योंकि बारिश के पानी से कई तरह के इंफेक्शन होने का खतरा बना रहता है.
-मॉनसून के दिनों में कॉर्नील अल्सर एक सबसे गंभीर इंफेक्शन होता है. कॉर्निया खुले जख्म को विकसित करता है, और अगर गलत तरीके से इसका उपचार किया जाए, तो इससे अंधापन हो सकता है.
-कॉर्नील अल्सर होने पर बहुत ज़्यादा दर्द होता है, पीप या मवाद निकलता है और दृष्टि धुंधली हो जाती है. ऐसा होने पर एकदम नेत्र-विशेषज्ञ को दिखाना जरूरी होता है और ऐसे में इलाज के लिए किसी भी तरह से देरी नहीं करनी चाहिए.
इनपुट एजेंसी से
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