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गंदी बेडशीट बढ़ा सकती है कई बीमारियों का खतरा, जानें कितने दिन में बदलनी चाहिए चादर

आपके बिस्तर में उतने ही जर्म्स और बैक्टीरिया हो सकते हैं जितने एक बाथरूम में होते हैं. ऐसे में समय-समय पर बेडशीट को चेंज करना और इसकी सफाई करना बहुत जरूरी होता है.

गंदी बेडशीट बढ़ा सकती है कई बीमारियों का खतरा, जानें कितने दिन में बदलनी चाहिए चादर
गंदी बेडशीट या पिलो पर सोने से स्कैल्प में भी खुजली, डैंड्रफ और तेल की समस्या बढ़ सकती है.

Bed Sheet Cleaning Tips: बेडशीट का इस्तेमाल तो लगभग हर घर में होता है, बिस्तर और गद्दे के ऊपर लोग तरह-तरह की बेडशीट्स बिछाते हैं. लेकिन इसे बिछाकर कई बार ऐसे ही छोड़ देते हैं और हफ्तों तक वही गंदी और पुरानी बेडशीट (gandi bed sheet se hone wale infection) पर सोते रहते हैं, जबकि गंदी और पुरानी बेडशीट पर सोने से सेहत और स्किन पर बुरा असर पड़ता है और स्किन इन्फेक्शन और एलर्जी जैसी समस्याएं भी हो सकती है, इसलिए बेड की नियमित रूप से सफाई और बेडशीट को बदलना (how to clean bed sheet) बहुत जरूरी होता है. यह न सिर्फ बेहतर नींद के लिए जरूरी है, बल्कि आपकी ओवरऑल हेल्थ को भी बेहतर बनाता है. तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि अपने बिस्तर को साफ सुथरा और फ्रेश रखने के लिए आपको कितने दिनों में बेडशीट बदलनी (when to change bedsheet) चाहिए.

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कब बदलें बेडशीट (when to change bedsheets)

एक्सपर्ट का मानना है कि जब आप अपने घर में बेडशीट बिछाते हैं तो इसे हर 6 से 7 दिन के अंदर बदल लेना चाहिए.

  • पिलो कवर को आप दो से तीन दिन में बदलते रहे, क्योंकि इसका सीधा संपर्क आपकी स्किन से होता है. अगर आपका काम धूल मिट्टी गंदगी का है या आपके घर में धूल मिट्टी बहुत ज्यादा आती है, तो आप 3 से 4 दिन के अंदर भी बेडशीट बदल सकते हैं.
  • खासकर गर्मियों में पसीना और नमी के कारण बेडशीट पर बैक्टीरिया और फंगस तेजी से बढ़ सकते हैं. ऐसे में गर्मियों के दिनों में तीन-चार दिन में बेडशीट बदलें.
  • अगर आप समय पर बेडशीट नहीं बदलते हैं, तो इससे स्किन इन्फेक्शन हो सकता है और स्किन पर डेड सेल्स जमने की संभावना भी बढ़ती है.

गंदी बेडशीट से होने वाले नुकसान (Disadvantages of dirty bed sheets)

  • अब आपको बताते हैं कि अगर आप गंदी बेडशीट लंबे समय तक बिछाकर रखते हैं, तो इससे क्या हो सकता है? एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे बैक्टीरिया और फंगस जमा हो जाती हैं और स्किन इन्फेक्शन, खुजली और रैशेज का कारण यह बन सकता है.
  • धूल और गंदगी से भरी बेडशीट बिछाने से सांस संबंधी समस्या, एलर्जी या अस्थमा बढ़ सकता है. गंदी बेडशीट और पिलो कवर पर सोने से स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं, चेहरे पर पिंपल्स और एक्ने की समस्या हो सकती है.
  • गंदी बेडशीट या पिलो पर सोने से स्कैल्प में भी खुजली, डैंड्रफ और तेल की समस्या बढ़ सकती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि गंदी बेडशीट पर सोने से नींद भी डिस्टर्ब होती है.

बेडशीट को साफ करने का तरीका (How to clean bed sheets)

  • अगर आप बेड कवर को ऐसे ही धो देते हैं, तो जान लें कि इसे प्रॉपर वॉश करना जरूरी होता है. ताकि इससे सारे जर्म्स और बैक्टीरिया निकल सकें.
  • आप बेडशीट को धोने के लिए माइल्ड डिटर्जेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं.
  • इसे धोने के लिए गुनगुना या गर्म पानी यूज करें, इससे बैक्टीरिया और जर्म्स मर जाते हैं.
  • बेडशीट को धोने के बाद उसे सुखाने के लिए धूप में डालें, धूप में डालने से छोटे-छोटे बैक्टीरिया और बदबू दूर हो जाती है और धूप नेचुरल सैनिटाइजर का काम भी करती है.

मौसम के हिसाब से करें बेडशीट का चुनाव (Choose bed sheet according to the season)

  • जी हां, आप अपने बेड पर जो भी बेडशीट बिछाते हैं उसे मौसम के अनुरूप चुनें.
  • सर्दियों में मोटे और गर्म कपड़े की बेडशीट आप चुन सकते हैं, इन्हें धोने के लिए इजी या लिक्विड डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें.
  • गर्मी के दिनों में हल्के और सूती कपड़े की बेडशीट चुनें.
  • बारिश के मौसम में कॉटन मिक्स या सिंथेटिक फैब्रिक की बेडशीट आप चुन सकते हैं.
  • बेडशीट के साथ ही ब्लैंकेट की सफाई भी बहुत जरूरी है. ब्लैंकेट को आप हर 15 दिन से एक महीने में ड्राई क्लीन या वॉश जरूर करें.  

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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