Yogasan in heart attack : योग करने से मेंटल हेल्थ में सुधार, शरीर की सूजन और चिंता कम करने, प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने, संतुलन बढ़ाने, वजन कम करने में मदद मिल सकती है. पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याओं जैसे एसिडिटी और गैस्ट्रिक की समस्या को ध्यान और योग करके कम किया जा सकता है.लेकिन आप अगर हार्ट पेशेंट हैं तो आपको कुछ योगासन को करने से परहेज करना चाहिए, नहीं तो फिर दिल से जुड़े जोखिम बढ़ सकते हैं. तो चलिए बिना देर किए आपको बताते हैं उनके बारे में.
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हार्ट पेशेंट को कौन से योगासन नहीं करने चाहिए ?
हलासन - हार्ट पेशेंट को हलासन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे आपके हार्ट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है. इससे रक्त संचार का उल्टा प्रवाह बनता है, जो कि हृदय के लिए नुकसानदाय हो सकता है.
चक्रासन - यह आसन आपके शरीर को लचीला बनाता है लेकिन यह दिल के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है. इससे भी दिल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. इससे दिल से जुड़ी दूसरी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
सर्वांगासन - यह आसन दिल के मरीजों के लिए अच्छा नहीं है. यह भी आपके हार्ट पर दबाव बनाता है जिससे हार्ट अटैक जैसा खतरा बनता है.
शीर्षासन - यह आसन भी आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा नहीं होता. इससे आपका ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है. इससे सिर में रक्त जमा हो सकता है.
कपालभाति - यह आसन भी हार्ट मरीजों के लिए अच्छा नहीं है. हृदय रोगियों के लिए कपालभाति का अभ्यास हानिकारक हो सकता है. इससे भी ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ता है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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