प्रतीकात्मक तस्वीर
अगर आप 5-6 कप कॉफी रोजाना पीते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। शोधकर्ताओं का कहना है कि ज्यादा कॉफी पीने से नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) से सुरक्षा मिलती है। रोजाना कॉफी पीने से लीवर में सुधार होता है। यह प्रयोग चूहों पर किया गया जो मनुष्यों को रोजाना 6 कप एक्सप्रेसो कॉफी के बराबर है।
इटली के नापोली विश्वविद्यालय के विनसेंजो लेंबो ने बताया, "पिछले शोधों से भी एनएएफएलडी से हुए नुकसान की कॉफी से भरपाई की पुष्टि की है। लेकिन यह पहली बार पता चला है कि यह आंत की पारगम्यता को प्रभावित कर सकता है।"
इस शोध से पता चला है कि कॉफी एनएएफएलडी संबंधी समस्याओं जैसे लीवर कोशिका के खराब होने को ठीक कर सकता है। एनएएफएलडी से पीड़ित लोगों में लीवर पर घाव हो जाता है जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन ज्यादा कॉफी पीने से इससे भी बचा जा सकता है।
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।
इटली के नापोली विश्वविद्यालय के विनसेंजो लेंबो ने बताया, "पिछले शोधों से भी एनएएफएलडी से हुए नुकसान की कॉफी से भरपाई की पुष्टि की है। लेकिन यह पहली बार पता चला है कि यह आंत की पारगम्यता को प्रभावित कर सकता है।"
इस शोध से पता चला है कि कॉफी एनएएफएलडी संबंधी समस्याओं जैसे लीवर कोशिका के खराब होने को ठीक कर सकता है। एनएएफएलडी से पीड़ित लोगों में लीवर पर घाव हो जाता है जिसे फाइब्रोसिस कहा जाता है। इससे मरीज की जान भी जा सकती है। लेकिन ज्यादा कॉफी पीने से इससे भी बचा जा सकता है।
यूरोपियन एसोसिएशन फॉर स्टडी ऑफ लीवर (ईएएसएल) के महासचिव प्रोफेसर लैरेंट केसटेरा का कहना है, "इस शोध से आंतों की आंतरिक कार्यप्रणाली पर कॉफी के असर को समझने में मदद मिलती है। इससे भविष्य में भी एनएएफएलडी से मुकाबला करने में कॉफी की भूमिका पर भविष्य के अनुसंधानों में मदद मिलेगी।"
यह शोध बार्सिलोना, स्पेन में हुए अंतर्राष्ट्रीय लीवर कांग्रेस में प्रस्तुत किया गया।