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शाम होते ही बाल खुले रखने पर क्यों टोकने लगती हैं दादी-नानी, जानें इसे लेकर क्या कहता है साइंस और धर्म

Dadi-nani ke nuskhe : घर की दादी या नानी हमेशा शाम के बाद लड़कियों को बाल खुले रखने पर टोकती हैं. क्या आप जानते हैं कि आखिर इसका कारण क्या है और इसे लेकर शास्त्र और विज्ञान में क्या कहा गया है.

शाम होते ही बाल खुले रखने पर क्यों टोकने लगती हैं दादी-नानी, जानें इसे लेकर क्या कहता है साइंस और धर्म
रात के समय बाल खुले रखने से उनके उलझने का खतरा रहता है जिससे बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं.

Dadi-Nani Ki Baatein: हिंदू धर्म में सूर्योदय और सूर्यास्त को लेकर कई नियम बताए गए हैं. इनमें कुछ नियम खासकर महिलाओं के लिए हैं. मान्यता है इन नियमों का पालन नहीं करने से इनका अशुभ प्रभाव पड़ने का खतरा रहता है. हिंदू शास्त्रों (Hindu shastra) में सूर्यास्त के बाद के माने जाने वाले नियमों में कुछ प्रमुख नियम हैं, सूर्य डूबने के बाद घर पर झाड़ू नहीं लगाना चाहिए, सोना नहीं चाहिए, दान या उधार नहीं देना चाहिए. इसी के साथ महिलाओं के लिए सूर्यास्त के साथ जुड़ा एक खास नियम है कि शाम के बाद महिलाओं को अपने बाल खुले नहीं रखने चाहिए और खुले बालों के साथ बाहर नहीं जाना चाहिए (Go out with open hair at night). यही कारण है कि बुजुर्ग महिलाएं यानी हमारी दादी या नानी रात में बाल खुले देखते ही टोकने लगती हैं.

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भले ही आज के मॉडर्न लाइफस्टाइल में ये रोक-टोक मिथक लगते हैं और हम दादी नानी की बातें (Dadi-Nani ki baatein) गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन इन नियमों के साथ शास्त्र और विज्ञान दोनों से जुड़ा होता है. ऐसे में इस तरह के नियमों को मानने से भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं शाम के बाद बाल खुले नहीं रखने पर क्या होता है...

सूर्य डूबने के बाद बाल खुले रखने पर क्या होता है

आजकल बालों को खुला रखना फैशनेबल माना जाता है. ऐसे में महिलाएं शाम को अपने बाल खुले रखना पसंद ही नहीं करती बल्कि वे खुले बालों की हेयर स्टाइल के साथ बाहर जाना भी पसंद करती हैं. हालांकि शास्त्रों में ऐसा करना वर्जित माना जाता है. ज्योतिष के विद्वानों के अनुसार शास्त्रों में बताए नियमों का पालन न करने पर जीवन में इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और कई परेशानियां झेलनी पड़ सकती है. मान्यता है कि सूरज के अस्त के बाद बाल खुले रखने पर नकारात्मक शक्तिया जल्दी आकर्षित होती हैं. अगर खुले बाल कर स्त्रियां बाहर निकलती हैं, तो इससे तंत्र क्रिया या नकारात्मक शक्तियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है. 

माना जाता है अनिष्ट का कारण 

हिंदू धर्म के शास्त्रों के साथ-साथ पौराणिक मान्यता के अनुसार शाम के बाद बालों को खुला नहीं रखने के कई उदाहरण मिलते हैं. सीता जी की माता सुनयना ने विवाह के समय भी उनके बाल बांधे और कहा कि बाल खुले मत रखना. उन्होंने सीता जी को बताया कि बंधे बाल रिश्तों को भी बांधकर रखते हैं. शास्त्रों में उलझे बालों को अमंगलकारी बताया गया है. पौराणिक कथा के अनुसार राम को वन भेजने के पहले मांगने कैकई रूठकर जब कोपवन में गईं थी तब उनके बाल खुले थे. मान्यता यह भी है कि महिलाएं को अकेले बाल खुले रखकर नहीं सोना चाहिए. हालांकि पति के साथ सोते समय बाल खुले रख सकती हैं.

विज्ञान इस बारे में क्या कहता है

विज्ञान के अनुसार भी रात में बाल खुले रखने को अच्छा नहीं माना जाता है. बाल के अच्छी तरह से सूख जाने पर उन्हें उलझने से बचाने के लिए बांध लेना सही होता है. रात के समय बाल खुले रखने से उनके उलझने का खतरा रहता है जिससे बाल कमजोर होकर टूटने लगते हैं. सोते समय बालों के चेहरे पर आने से नींद में भी परेशानी आती ही है और स्किन से संबंधित परेशानियों का भी खतरा रहता है. ऐसे में अब अगर घर की बड़ी बुजुर्ग महिलाएं शाम के बाद बालों के खुले रहने पर उन्हें बांधने की सलाह दें तो उनकी बात पर गौर जरूर करें. ये आपके लिए अच्छा होगा और आप जीवन में आने वाली परेशानियों से बचाएगा.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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