प्रतीकात्मक तस्वीर
महिलाओं और पुरुषों में भले ही दिल से जुड़ी बीमारी एक ही हो, लेकिन उसका इलाज या ट्रीटमेंट का सक्सेस रेट अलग अलग होता है।
बीमारी के लक्षण से लेकर ट्रीटमेंट तक में फर्क
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि महिलाओं और पुरुषों में कॉरनरी ऑर्टिरी डिजीज (धमनियों से संबंधित रोग) के दौरान बीमारी के लक्षणों की पहचान से लेकर इलाज तक में होता है। उन्होंने कहा कि यह जानकारी महिलाओं के दिल के रोगों का इलाज करते समय सहायक होती है।
कॉरनरी एंजियोप्लास्टी, बायपास सर्जरी की सक्सेस रेट भी अलग
डॉ. केके अग्रवाल के अनुसार, 'हो सकता है कि कॉरनरी एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा कारगर न हों। उन्होंने कहा कि महिलाओं की रक्त धमनियों का घेरा बहुत छोटा होता है, इसलिए ऑपरेशन के दौरान इसका ध्यान रखना जरूरी है।'
बीमारी के लक्षण से लेकर ट्रीटमेंट तक में फर्क
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मानद महासचिव पद्मश्री डॉ. केके अग्रवाल का कहना है कि महिलाओं और पुरुषों में कॉरनरी ऑर्टिरी डिजीज (धमनियों से संबंधित रोग) के दौरान बीमारी के लक्षणों की पहचान से लेकर इलाज तक में होता है। उन्होंने कहा कि यह जानकारी महिलाओं के दिल के रोगों का इलाज करते समय सहायक होती है।
कॉरनरी एंजियोप्लास्टी, बायपास सर्जरी की सक्सेस रेट भी अलग
डॉ. केके अग्रवाल के अनुसार, 'हो सकता है कि कॉरनरी एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा कारगर न हों। उन्होंने कहा कि महिलाओं की रक्त धमनियों का घेरा बहुत छोटा होता है, इसलिए ऑपरेशन के दौरान इसका ध्यान रखना जरूरी है।'
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