
Apps Rush In With Insta Help in Gurugram : दिल्ली समेत एनसीआर के कई इलाकों में प्रवासी मज़दूरों पर चल रही पुलिस कार्रवाई के कारण बड़े पैमाने पर बंगाली भाषी प्रवासी इलाके से पलायन कर चुके हैं.खासकर गुरुग्राम (Gurugram) से बड़े पैमाने पर पलायन हुआ है. कुछ समय पहले एक गुरुग्राम निवासी ने रेडिट पर थ्रेड पोस्ट कर सवाल किया कि "गुरुग्राम से मेड और कुक अचानक गायब हो गए हैं, क्या हो रहा है? सेक्टर 52 में आर्डी सिटी में रहने वाले इस यूजर ने बताया कि इस इलाके को लेकर पहले से ही कई तरह की समस्याएं हैं और अब एक नए संकट का सामना करना पड़ रहा है. इलाके में मेड और कुक का न होना ( Gurugram Maid Crisis) या उनका बहुत अधिक पैसे मांगना. गुरुग्राम में अचानक आई इस समस्या का संबंध यहां की बस्तियों में रहने वाले बंगाली भाषी प्रवासी मज़दूरों से है, जो पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए तेजी से पलायन कर रहे हैं.
इस बीच यह भी सामने आया है कि यह समस्या इंस्टा हेल्प ऑफर करने वाले अर्बन कंपनी, प्रोमोटो और स्नैबिट जैसे स्टार्ट-अप्स के घरेलू हेल्पर के सेगमेंट में प्रवेश (Rush In With Insta Help ) के बाद बढ़ गई है. आइए जानते हैं इस मामले में गुरुग्राम के लोगों का क्या कहना है और घरेलू हेल्पर सेगमेंट में काम करने वाले स्टार्ट-अप्स से इसका क्या रिश्ता है.
गायब होते प्रवासी और बढ़ती कीमतें
गुरुग्राम के रहने कई लोगों ने इलाके में साफ सफाई ठप होने और सफाई करने वालों के काम पर नहीं आने की बात सोशल मीडिया पर शेयर की है. कुछ ही दिनों में यह बात सफाई करने वालों से बढ़कर घरों में काम करने वाली मेड और खाना बनाने वाले कुक तक पहुंच गई. अधिकतर लोगों के यहां या तो ये लोग आ नहीं रहे हैं या ज्यादा पैसे की मांग कर रहे हैं. गुरुग्राम में दो लोगों के लिए दो टाइम का खाना बनाने के लिए कुक 5 हजार की जगह 7 हजार रुपए की मांग कर रहे हैं. केयर टेकर के तौर पर काम करने वालों ने लोगों से अपना डर शेयर करते हुए बताया कि अधिकतर लोग काम पर जाने से बच रहे हैं उन्हें डर है कि उन्हें पीटा जाएगा और पहचान पत्र की जांच की जाएगी.
अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए अभियान
गुरुग्राम पुलिस ने जुलाई 2025 में अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए सत्यापन अभियान शुरू किया था. इस अभियान के दौरान सेक्टर 40, 10ए, बादशाहपुर और मानेसर स्थित चार सामुदायिक केंद्रों को हिरासत केंद्रों में बदल दिया गया. इसके बाद, विशेष रूप से हाई सोसाइटियों के आसपास की बस्तियों में नौकरानियों, रसोइयों, निर्माण मजदूरों, कचरा बीनने वालों और सामान पहुंचाने वाले कर्मचारियों के रूप में काम करने वाले बंगाली भाषी प्रवासियों पर छापे मारे गए. इसमें से कुछ ही लोगों के अवैध अप्रवासी होने की पुष्टि हुई है, लेकिन डर से हज़ारों मज़दूर पहले ही इलाके से जा चुके हैं.
स्टार्टअप का इंस्टा हेल्प सर्विस
ऐसे में समस्या के समाधान के लिए लोग इंस्टा हेल्प के लिए काम करने वाले स्टार्ट अप्स की ओर रुख कर रहे हैं. अर्बन कंपनी, प्रोमोटो और स्नैबिट जैसी कई स्टार्ट-अप कंपनियों गुरुग्राम में इस सेगमेंट में सर्विस शुरू कर रही हैं. ये कंपनियां 15 मिनट के भीतर घरेलू सहायक उपलब्ध कराने का वादा करती हैं. बर्तन धोना, झाड़ू-पोछा लगाना और खाना पकाने की तैयारी जैसे सामान्य घरेलू सफाई के लिए भी यूजर्स हेल्पर बुक कर सकते हैं.. अर्बन कंपनी ने मार्च 2025 में मुंबई में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इन सेवाओं को लॉन्च किया था. अगस्त 2025 तक, यह सेवा देश भर के चुनिंदा यूजर्स के लिए शुरू कर दी गई है. फिलहाल यह सेवा मुंबई पर केंद्रित है, लेकिन यह दिल्ली और दिल्ली-एनसीआर चर्चा का विषय बनी हुई है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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