
Hair Care: केमिकल ट्रीटमेंट बालों को कुछ समय के लिए हेल्दी जरूर बना देते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म में ये केमिकल ट्रीटमेंट बालों के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं, क्योंकि इसमें स्ट्रोंग केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है. ठीक इसी तरह से कई लड़कियां बालों को स्ट्रेट और सिल्की बनाने के लिए केराटिन ट्रीटमेंट (Keratin Treatment) करवाती हैं. यह केराटिन ट्रीटमेंट 5-7 महीने के लिए आपके बालों को स्ट्रेट, सिल्की और शाइनी तो बनाता है, लेकिन लॉन्ग टर्म में इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स भी होते हैं. ऐसे में अगर आप केराटिन ट्रीटमेंट करवाने की सोच रही हैं तो इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में एक बार जरूर जान लें.
क्या होता है हेयर केराटिन ट्रीटमेंट | What Is Hair Keratin Treatment
केराटिन ट्रीटमेंट एक हेयर स्मूथनिंग और स्ट्रेटनिंग प्रोसेस है जो रूखे बेजान बालों को सॉफ्ट और चमकदार बनाने का काम करता है. इससे बाल 6-7 महीने के लिए फ्रिज फ्री और स्मूथ बनते हैं. यह बालों को स्ट्रेट और मेनेजेबल बनाता है. दरअसल, केराटिन एक नेचुरल प्रोटीन होता है जो ऑलरेडी हमारी स्किन, हेयर और नाखूनों में पाया जाता है. लेकिन धूल-मिट्टी, प्रदूषण और केमिकल्स की वजह से नेचुरल केराटिन खत्म होने लगते हैं जिससे बाल, रूखे, बेजान और फ्रिजी हो जाते हैं, इसलिए लोग केराटिन ट्रीटमेंट करवाते हैं. यह एक आर्टिफिशियल केराटिन होता है.
बालों के लिए केराटिन ट्रीटमेंट के नुकसान (Side Effects Of Keratin Treatment)आर्टिफिशियल केमिकल बालों को करते हैं खराब: केराटिन ट्रीटमेंट में फार्मल्डिहाइड नाम के केमिकल का इस्तेमाल होता है, जो आंखों में जलन, सिर दर्द, गले में खराश और स्किन एलर्जी का कारण बन सकता है. लंबे समय तक केराटिन ट्रीटमेंट करवाने से सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं.
बालों को डैमेज करे: केराटिन ट्रीटमेंट कुछ समय के लिए बालों को हेल्दी जरूर बना देता है, लेकिन इससे बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और हेयर फॉल (Hair Fall) की समस्या बढ़ सकती है. कुछ लोगों को केराटिन ट्रीटमेंट करवाने के बाद बाल पतले होने की शिकायत भी नजर आती है.
स्कैल्प इंफेक्शन या डैंड्रफ: केराटिन ट्रीटमेंट केमिकल बेस्ड होता है जिससे स्कैल्प ड्राई हो सकती है और ड्राइनेस के कारण डैंड्रफ की समस्या भी बढ़ जाती है. केराटिन ट्रीटमेंट करवाने से कुछ लोगों को स्कैल्प में खुजली और रैशेज भी हो सकते हैं.
रूखे और बेजान बाल: केराटिन ट्रीटमेंट करवाने के कुछ महीनों बाद बालों में ड्राइनेस आ सकती है और कुछ मामलों में बाल बीच से टूटने लगते हैं या दोमुंहे भी हो जाते हैं.
एलर्जिक रिएक्शन: केराटिन ट्रीटमेंट में आर्टिफिशियल केराटिन का इस्तेमाल किया जाता है जिससे कुछ लोगों को एलर्जी की समस्या भी हो सकती है. जिन लोगों की स्किन पहले से ही सेंसिटिव है उन्हें केराटिन ट्रीटमेंट करवाने से पहले एक्सपर्ट्स की सलाह जरूर लेनी चाहिए. इससे स्किन पर खुजली और आंखों में जलन जैसी समस्या हो सकती है.
प्रेगनेंसी में ना करवाएं केराटिन ट्रीटमेंट: प्रेग्नेंट महिलाओं को केराटिन ट्रीटमेंट अवॉइड करना चाहिए क्योंकि इसमें मौजूद केमिकल गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है.
बालों के नेचुरल टेक्सचर को खराब करे: केराटिन ट्रीटमेंट कुछ समय के लिए बालों को स्ट्रेट जरूर कर देता है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट में बालों का टेक्सचर खराब हो जाता है. आपके बाल रूखे, बेजान और फ्रिजी नजर आने लगते हैं.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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