इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला लेते हुए प्राइमरी लेवल असिस्टेंट टीचर मामले में राज्य सरकार द्वारा तय किए गए मानकों पर मुहर लगा दी है. कोर्ट के फैसले के अनुसार अब असिस्टेंट टीचर के लिए भर्ती की प्रक्रिया को 65/60 प्रतिशत कट ऑफ क्राइटेरिया के अनुसार ही जारी रखा जाएगा. यानी सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसदी नंबर पाकर ही उत्तीर्ण होंगे. इस भर्ती प्रक्रिया के जरिए असिस्टेंट टीचर के करीब 69,000 पदों पर भर्ती की जाएगी. कोर्ट ने आदेश दिया है कि सभी पदों पर भर्तियां 3 महीने के अंदर ही की जाएंगी.
आइए आपको बताते हैं UP असिस्टेंट टीचर भर्ती मामले की बड़ी बातें
- यूपी में शिक्षकों के पदों पर भर्तियों के बारे में घोषणा साल 2018 में दिसंबर के महीने में हुई थी.
- शिक्षकों के पदों पर भर्तियों के लिए करीब 4 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
- बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 6 जनवरी 2019 को 800 परीक्षा केंद्रों पर लिखित परीक्षा कराई गई थी.
- इस परीक्षा में 4,10,440 परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जबकि 21,026 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी.
- इस रिक्रूटमेंट भर्ती के लिए कटऑफ के अनुसार सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी 65 फीसदी और आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी 60 फीसदी नंबर पाकर उत्तीर्ण होंगे.
- आधिकारिक जॉब नोटिफिकेशन में कट ऑफ मार्क्स की जानकारी न होने पर उम्मीदवारों ने कट ऑफ को लेकर याचिका दर्ज कराई थी.
- परीक्षा देने वाले कुछ उम्मीदवारों ने रिजल्ट पर भी आपत्ति उठाई थी, जिसके बाद रिजल्ट को संशोधिक किया गया था.
- भर्ती की प्रक्रिया कटऑफ विवाद के कारण करीब डेढ़ वर्ष तक फंसी रही, लेकिन अब कोर्ट ने बुधवार को इसपर फैसला सुना दिया है.
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