इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सरकार के पक्ष में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने सरकार से प्राइमरी लेवल असिस्टेंट टीचर के लिए भर्ती की प्रक्रिया को 65/60 प्रतिशत कट ऑफ क्राइटेरिया के अनुसार ही जारी रखने के आदेश दिए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने शिक्षकों की रिक्रूटमेंट प्रक्रिया को 3 महीने के अंदर ही पूरा करने के निर्देश दिए हैं. इस भर्ती प्रक्रिया के जरिए असिस्टेंट टीचर के करीब 69,000 पदों पर भर्ती की जाएगी. ये रिक्रूटमेंट प्रक्रिया उत्तर प्रदेश बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा की जाएगी.
बता दें कि शिक्षकों के पदों पर भर्तियों के बारे में घोषणा साल 2018 में दिसंबर के महीने में की गई थी. इन भर्तियों के लिए करीब 4 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया था.
CM श्री @myogiadityanath जी ने बेसिक शिक्षा के 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में मा. उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है।
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) May 6, 2020
उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने हेतु अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।
बेसिक एजुकेशन बोर्ड द्वारा यूपी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट को संशोधित करने के बाद भर्ती के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को बढ़ा दिया गया था. बता दें कि UPTET सहायक शिक्षक पद के लिए आवश्यक है.
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई थी. कई उम्मीदवारों ने UPTET रिजल्ट को तीन प्रश्नों पर आधारित बताकर याचिका दायर कराई थी.
इसपर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि उन सभी प्रश्नों के लिए सभी उम्मीदवारों को एक समान नंबर दिए जाएंगे. अदालत के आदेश के बाद रिजल्ट को संशोधित किया गया और आधिकारिक वेबसाइट पर दोबारा से जारी किया गया.
इस रिक्रूटमेंट भर्ती के लिए कटऑफ सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 65 प्रतिशत और आरक्षित वर्ग के लिए 60 प्रतिशत की अनिवार्यता के साथ तय की थी. हालांकि, आधिकारिक जॉब नोटिफिकेशन में कट ऑफ मार्क्स पर जानकारी नहीं दी गई थी. इसमें सिर्फ कुल अंकों के बारे में बताया गया था. कई उम्मीदवारों ने कट ऑफ को लेकर भी याचिका दर्ज कराई थी.
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