Teacher’s Day 2022: अपने शिक्षक दिवस के भाषण को इन कोट्स के साथ करें तैयार, सुनने वाले हो जाएंगे इम्प्रेस

Teachers Day 2022: डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को हम टीचर्स डे के रूप में हर साल मनाते हैं. टीचर्स डे पर भाषण कैसे लिखते हैं और साथ ही डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ महत्वपूर्ण कोट्स को जानें.

Teacher’s Day 2022: अपने शिक्षक दिवस के भाषण को इन कोट्स के साथ करें तैयार, सुनने वाले हो जाएंगे इम्प्रेस

Teachers Day Speech in Hindi: आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि टीचर्स डे के लिए स्पीच कैसे तैयार की जाती है जिससे लोग उसे सुनने को मजबूर हो जाएं और तालियों की गूंज आपके भाषण की बेहतरी का प्रमाण दें.

Teachers Day Speech in Hindi: प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा. डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को हम टीचर्स डे के रूप में हर साल मनाते हैं. शिक्षक दिवस पर विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र बेहद उत्सुक नजर आते हैं. छात्र अपने शिक्षक गण को सम्मान देने के लिए भाषण तैयार करते हैं और उन्हें अपने शिक्षकों के सामने प्रस्तुत करते हैं. लेकिन भाषण/स्पीच तैयार करते समय छात्रों को ये दुविधा रहती है कि भाषण को कैसे लिखे की वो उत्कृस्ट हो, इसलिए आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि टीचर्स डे के लिए स्पीच कैसे तैयार की जाती है जिससे लोग उसे सुनने को मजबूर हो जाएं और तालियों की गूंज आपके भाषण की बेहतरी का प्रमाण दें.  

सक्सेस की कहानियां पढ़ें

टीचर्स डे के लिए स्पीच तैयारी करते समय आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए 

  • इंट्रोडक्शन (Introduction)
  • कॉन्क्लुजन (Conclusion)

ऐसे लिखें शिक्षक दिवस पर भाषण 

स्पीच तैयार करते समय सबसे पहले अपना परिचय देते हुए आदर भाव से सभी अतिथियों, बड़े, साथियों और उपस्थित शिक्षकों को सम्मान देते हुए आप जिस टॉपिक पर भाषण देने जा रहे हैं उसकी सक्षिप्त में जानकारी दें. उसके बाद डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवनी और उनकी उपलब्धियों को बताते हुए कुछ महत्वपूर्ण कोट्स के साथ अपने स्पीच को उनके समक्ष प्रस्तुत करें. भाषण देते समय आपको पब्लिक स्पीकिंग टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए, जिससे आपका भाषण प्रभाशाली लगे. 

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पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स

टीचर्स डे भाषण के लिए डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कोट्स  

  1. हमारे लिए तकनीकी ज्ञान के अलावा आत्मा की महानता को प्राप्त करना भी जरूरी है.
  2. पुस्तकें वह माध्यम हैं, जिनके जरिये विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण किया जा सकता है. 
  3. ज्ञान के माध्यम से हमें शक्ति मिलती है. प्रेम के जरिये हमें परिपूर्णता मिलती है.
  4. किताबें पढ़ने से हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची खुशी मिलती है.
  5. शांति राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है.