
AIIMS Researchers Global Ranking: भारत का सबसे बड़ा मेडिकल संस्थान एम्स दिल्ली (AIIMS Delhi) एक बार फिर चर्चा में है. एम्स के 56 रिसर्चरों को दुनिया के टॉप 2% साइंटिस्ट्स की लिस्ट में जगह मिली है. यह लिस्ट अमेरिका की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और एल्सेवियर ने जारी की है. एम्स ने लगातार 7वें साल भारत का नंबर-1 अस्पताल बनने का खिताब भी अपने नाम किया है. यह डबल अचीवमेंट ऐसे समय आई है जब एम्स ने हाल ही में अपना 70वां स्थापना दिवस मनाया यानी, यह उपलब्धि एम्स के लंबे सफर की मेहनत और क्वालिटी हेल्थकेयर का बड़ा सबूत है.
क्यों खास है यह उपलब्धि
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की यह ग्लोबल लिस्ट हर साल वैज्ञानिकों के काम के असर (Citation Impact) के आधार पर तैयार की जाती है. इसमें 22 मेजर फील्ड्स और 174 सब-फील्ड्स शामिल होती हैं. वैज्ञानिकों को रैंक देने के लिए उनके रिसर्च पेपर, साइटेशन, ऑथरशिप और इंटरनेशनल इम्पैक्ट को गिना जाता है. इस बार भारत से 6,239 फैकल्टी मेंबर इस लिस्ट में आए हैं, जबकि2024 में सिर्फ 3,372 भारतीय वैज्ञानिक शामिल थे. यानी इस साल संख्या लगभग डबल हो गई है.
एम्स क्यों है नंबर वन
सिर्फ रिसर्च ही नहीं, एम्स हेल्थकेयर सर्विसेज में भी लगातार टॉप पर है. पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 50 लाख से ज्यादा मरीजों की ओपीडी में जांच और इलाज हुआ है, 3.2 लाख से ज्यादा मरीजों को एडमिट किया गया, 3.1 लाख बड़ी और कॉम्प्लेक्स सर्जरी की गईं. एम्स में कई ऐसी सर्जरी भी हुईं, जिन्हें दुनिया की सबसे कठिन ऑपरेशनों में गिना जाता है. इसके साथ ही, एम्स ने टेक्नोलॉजी की तरफ भी बड़ा कदम बढ़ाया है. AI-पावर्ड हेल्थकेयर (जैसे डायग्नोसिस और प्रेडिक्टिव एनालिसिस), रोबोटिक सर्जरी, रियल-टाइम पब्लिक डैशबोर्ड, जो मरीजों और परिवारों को ट्रांसपेरेंसी देता है, इन सबने एम्स को इनोवेशन और पेशेंट-फ्रेंडली हेल्थकेयर बनाया है.
इस लिस्ट में भारत का बढ़ता दबदबा
- IITs (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस)- 755 वैज्ञानिक
- NITs (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी)- 330 वैज्ञानिक
- IISc बेंगलुरु- 117 वैज्ञानिक
- ICAR (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद)- 88 वैज्ञानिक
- जादवपुर यूनिवर्सिटी- 50 वैज्ञानिक
- BHU (बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी)- 51 वैज्ञानिक
- AMU (अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी)- 46 वैज्ञानिक
- पंजाब यूनिवर्सिटी- 48 फैकल्टी मेंबर
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