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AICTE ने जारी किए बीसीए-एमसीए और बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स के नए नियम

AICTE Dual Degree Programs New Rules: AICTE ने बीसीए-एमसीए और बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड (डुअल डिग्री) प्रोग्राम्स के लिए नए नियम जारी किए हैं. 12वीं पास स्टूडेंट्स ब्रिज कोर्स से एडमिशन ले सकते हैं. नए नियम एकेडमिक सेशन 2026-27 से लागू होंगे.

AICTE ने जारी किए बीसीए-एमसीए और बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड कोर्स के नए नियम
नई दिल्ली:

AICTE Dual Degree Programs New Rules: BCA-MCA और BBA-MBA की पढ़ाई कर रहे या करने का प्लान बनाने वाले स्टूडेंट्स के लिए बड़ी खबर है. ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन(AICTE) ने इन कोर्स की डिग्री को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. काउंसिल ने बीसीए-एमसीए और बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड (डुअल डिग्री) प्रोग्राम्स के लिए नई एलिजिबिलिटी स्टैंडर्ड जारी किए हैं. ये नियम एकेडमिक सेशन 2026-27 से लागू होंगे. आइए जानते हैं क्या है नया नियम...

क्या है नया नियम

AICTE ने इन इंटीग्रेटेड कोर्स की अवधि पांच साल तय की है. हालांकि, कई यूनिवर्सिटीज और एजुकेशन एक्सपर्ट्स मांग कर रहे हैं कि इसे चार साल में पूरा किया जाए, ताकि छात्रों का समय बचे और उनकी पढ़ाई ज्यादा आकर्षक और आसान हो.

बीसीए-एमसीए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम के लिए योग्यता

बीसीए-एमसीए पांच साल के कोर्स में एडमिशन के लिए 12वीं पास होना जरूरी है. साथ ही, छात्रों ने मैथ्स, स्टैटिक्स या एकाउंटेंसी सब्जेक्ट पढ़ा हो, तो उन्हें मिनिमम 45 प्रतिशत अंक लाने होंगे. आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए यह सीमा 40 प्रतिशत रखी गई है. अगर किसी छात्र का एजुकेशनल बैकग्राउंड अलग है, जैसे कि उसने फिजिक्स, इंजीनियरिंग या अन्य सब्जेक्ट पढ़े हैं, तो यूनिवर्सिटी की ओर से ब्रिज कोर्स उपलब्ध कराया जाएगा. इससे उन्हें मेन कोर्स में आसानी से एडजस्ट होने का मौका मिलेगा.

बीबीए-एमबीए इंटीग्रेटेड प्रोग्राम के लिए योग्यता

बीबीए-एमबीए पांच वर्षीय प्रोग्राम में प्रवेश के लिए भी 12वीं पास होना जरूरी है. इसके अलावा, छात्रों को यूनिवर्सिटी की एडमिशन पॉलिसी का पालन करना होगा. इस नए नियम का मकसद छात्रों को एक समान एजुकेशनल लेवल और बेहतर लर्निंग एक्सपीरिएंस देना है.

एक्सपर्ट्स का क्या कहना है

कई एजुकेशन एक्सपर्ट्स का कहना है कि मौजूदा समय में बीबीए तीन साल और एमबीए दो साल का होता है. ऐसे में अगर इंटीग्रेटेड प्रोग्राम पांच साल का रहेगा, तो छात्रों का इस कोर्स में इंट्रेस्ट कम हो सकता है. कई एक्सपर्ट्स ने इसे चार साल करने की सलाह दी है.

स्टूडेंट्स को क्या फायदा होगा

  • छात्रों को दो डिग्री एक साथ पूरी करने का मौका मिलेगा.
  • समय और पैसा दोनों की बचत होगी.
  • ब्रिज कोर्स की सुविधा से अलग बैकग्राउंड वाले छात्र भी आसानी से एडजस्ट कर पाएंगे.
  • एजुकेशन क्वालिटी और समान शैक्षणिक स्तर तय होगा.

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