"केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाए": SC ने मांगी स्टेटस रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Delhi Air Pollution ने कहा कि कोर्ट को उत्तर भारत में प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. वहीं  25 दिसंबर को रिटायर हो रहे जस्टिस एस के कौल ने कहा कि हम तभी जानते हैं जब हालात बदतर हो जाते हैं, इसके लिए सतत निगरानी की जरूरत है. 

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दिल्ली- NCR में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली:

 दिल्ली- NCR में प्रदूषण के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court On Air Pollution) ने बड़ा कदम उठाते हुए पूरे साल प्रदूषण की स्थिति पर निगरानी करने का आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि अगली सर्दियों में हमें वैसी ही स्थिति का सामना न करना पड़े. प्रदूषण का सामना करने पर सुनवाई रोकने का कोई मतलब नहीं है. इसके साथ ही अदालत ने कैबिनेट सचिव को समय- समय पर राज्यों से रिपोर्ट मांगने का भी आदेश दिया. कोर्ट ने दो महीने में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. मामले पर अगली सुनवाई 27 फरवरी को होगी.  

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300 से नीचे नहीं जा रहा दिल्ली का AQI-SC

सुनवाई के दौरान जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि दिल्ली का AQI 300 से नीचे नहीं जा रहा है. वह रोज चेक करते हैं कि सुबह की सैर के लिए बेहतर समय क्या है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब से प्रदूषण नियंत्रण को लेकर उठाए गए कदमों पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट को उत्तर भारत में प्रदूषण की स्थिति पर लगातार नजर रखने की जरूरत है. वहीं  25 दिसंबर को रिटायर हो रहे जस्टिस एस के कौल ने कहा कि हम तभी जानते हैं जब हालात बदतर हो जाते हैं, इसके लिए सतत निगरानी की जरूरत है. 

2 महीने में दाखिल करें स्टेटस रिपोर्ट-SC

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा सरकार को प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए संबंधित सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों पर दो महीने के भीतर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. पंजाब सरकार ने अपना हलफनामा दाखिल कर दावा किया कि पराली जलाने पर लोगों पर लगाए गए जुर्माने की वसूली 53 फीसदी बढ़ी है और साल 2023 में खेतों में आग लगना कम हो गया है. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि खेतों में पराली जलाना बंद होना चाहिए.

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पानीपत और अलवर लाइन को दी मंजूरी-SC

 हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि उसने तीव्र परिवहन प्रणाली के लिए पानीपत और अलवर लाइन को मंजूरी दे दी है जिससे क्षेत्र में प्रदूषण कम हो जाएगा. हालांकि इस परियोजना को केंद्र की मंजूरी का इंतजार है. केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जल्द से जल्द मंज़ूरी दे दी जाएगी. 

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