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BJP-LJP के बीच फंसे पेच की गुत्थी सुलझाएंगे नीतीश कुमार, निभाएंगे 'शांतिदूत' की भूमिका: सूत्र

एनडीए के भीतर बीजेपी और लोजपा के बीच लोकसभा चुनाव के लिए सीटों को लेकर आपसी मनमुटाव खुलकर सामने आ गया है. मगर अब नीतीश कुमार सुलह कराएंगे.

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रामविलास पासवान की मांग के समर्थन में नीतीश कुमार (फाइल फोटो)

पटना:

एनडीए  (NDA) के भीतर बीजेपी (BJP) और लोजपा (LJP) के बीच लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के लिए सीटों को लेकर आपसी मनमुटाव खुलकर सामने आ गया है. बिहार एनडीए के प्रमुख घटक दलों में से एक रामविलास पासवान की पार्टी अब लगातार बीजेपी के खिलाफ खुलकर बोल रही है और सीटों को लेकर प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है. चिराग पासवान के ट्वीट और लगातार बयानबाजी से अब ऐसे कयास लगाए जाने लगे हैं कि बीजेपी और लोजपा के बीच सीटों को लेकर बात काफी आगे बढ़ चुकी है और किसी भी वक्त कोई बड़ा फैसला आ सकता है. हालांकि, सूत्रों की मानें तो रामविलास पासवान की बीजेपी से नाराजगी की वजह सिर्फ और सिर्फ एक राज्यसभा की सीट है, जिसका वादा अमित शाह ने सितंबर महीने में किया था. ऐसा बताया जा रहा है कि बीजेपी ने रामविलास पासवान से एक राज्यसभा की  सीट देने का वादा किया था, मगर अब वह अपने वादे से पलट रहे हैं. यही वजह है कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा खुलकर सामने आ चुकी है. हालांकि, रामविलास पासवान के लिए अच्छी बात है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उनका समर्थन कर रहे हैं. 

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सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार भी रामविलास पासवान की मांग का समर्थन कर रहे हैं. क्योंकि लोजपा चाहती है कि सितंबर में बीजेपी ने उसे जो असम से राज्यसभा की एक सीट का वादा किया था, उस पर वह कायम रहे. खुद नीतीश कुमार भी चाहते हैं कि बीजेपी उस कमिटमेंट को निभाए, जिसे उसने लोजपा के साथ किया था. क्योंकि अगर  रामविलास पासवान एनडीए से निकलते हैं तो बिहार में महागठबंधन को मौका मिल जाएगा और एनडीए की लडा़ई कमजोर पड़ जाएगी. 

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सूत्रों की मानें तो एनडीए में बीजेपी और लोजपा के बीच तकरार की मुख्य वजह यह है कि बीजेपी लोजपा को एक राज्यसभा की सीट नहीं दे रही है, जिसका वादा उसने कुछ समय पहले सितंबर में किया था. दरअसल, सितंबर में जब नीतीश कुमार और अमित शाह ने बराबर-बराबर सीटों पर बिहार में चुनाव लड़ने का फैसला किया था, तो उस वक्त रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को चार लोकसभा सीटें और एक असम से राज्यसभा की सीट का प्रस्ताव दिया गया था. हालांकि, उस वक्त उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा भी एनडीए में थी. बीजेपी की ओर से लोजपा को राज्यसभा की एक सीट दिए जाने के पीछे ऐसी खबरें थीं कि रामविलास पासवान लोकसभा चुनाव 2019 नहीं लड़ेंगे और वह राज्यसभा की सीट से ही संसद जाएंगे. 

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मगर उपेंद्र कुशवाहा के एनडीए से अलग होने के बाद बीजेपी अपने वादे से मुकरती दिख रही है. यही वजह है कि रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा को बीजेपी ने अब 6 लोकसभा की सीटों का प्रस्ताव दिया है. मगर राज्यसभा की नहीं. ऐसा माना जा रहा है कि राज्यसभा की सीट न मिलने की वजह से ही रामविलास पासवान एनडीए में नाराज चल रहे हैं. अब पासवान को ऐसा लग रहा है कि अगर राज्यसभा की सीट नहीं मिलती है तो जिस तरह से तीन राज्यों में बीजेपी की हार हुई है, वैसे में 2019 के लिए कुछ कहना मुश्किल होगा. 

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हालांकि, बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने रामविलास पासवान की मांग का समर्थ किया है और वह शुक्रवार को दिल्ली में बीजेपी को गठबंधन धर्म निभाने की बात कहेंगे . साथ ही बीजेपी को यह भी याद दिलाएंगे कि रामविलास पासवान को जो वादा किया गया था, उसे निभाया जाए. नीतीश कुमार बीजेपी को यह एहसास कराएंगे कि रामविलास पासवान को खोने का मतलब होगा बिहार में एकतरफा लड़ाई और ऐसे में महागठबंधन मजबूत ही होगा. बता दें कि आज नीतीश कुमार दिल्ली आ रहे हैं और वह बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मिलेंगे और हो सकता है कि इस बैठक में वह इस मुद्दे पर भी बात करें. 

 

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