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ट्रक में खचाखच भरे प्रवासी मजदूरों ने बिना पानी-भोजन के 800 किलोमीटर का सफर तय किया

मजदूरों ने कहा कि कम से कम हमारे बच्चों तक के लिए खाने और पानी का इंतजाम कर दीजिए. उन्हें भी मालूम था कि यह तय नहीं है कि मदद पहुंचेगी या नहीं. 

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प्रवासी मजदूर हैदराबाद से इस ट्रक में पिछले 4 दिनों से आ रहे थे.

रायपुर:

एक भारी-भरकम 10 पहियों वाला डंपर ट्रक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बाहरी इलाके में धूल भरे हाईवे पर सड़क किनारे खड़ा नजर आया. धूप से तप चुके ट्रक में कुछ लोग दिखे, जिनकी नजरें चिलचिलाती धूप में में पानी ढूंढ रही थी. यह प्रवासी मजदूर और उनके परिवार थे जो कि तेलंगाना से सैकड़ों किलोमीटर दूर से आए थे. एक मजदूर ने बताया कि हम धूप में पिछले 2 घंटे से खड़े हैं और हमने न कुछ खाया है और न ही पिया है. इन मजदूरों में कुछ महिलाएं भी थीं जो अपनी साड़ी के पल्लू से अपने बच्चों को धूप से बचा रही थी.

एक मजदूर ने कहा, 'हम हैदराबाद से इस ट्रक में पिछले 4 दिनों से आ रहे हैं.' आमतौर पर जो प्लास्टिक शीट ट्रक पर होती है वह भी इस ट्रक पर नहीं थी. मजदूरों ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार उनकी बिल्कुल भी मदद नहीं कर रही हैं. एक मजदूर ने कहा, " ट्रक में 100 लोग हैं, सरकार हमारी मदद क्यों नहीं कर रही है?" मजदूरों ने कहा, 'कम से कम हमारे बच्चों तक के लिए खाने और पानी का इंतजाम कर दीजिए.' उन्हें भी मालूम था कि यह तय नहीं है कि मदद पहुंचेगी या नहीं. 

गौरतलब है कि कोरोनावायरस के चलते लॉकडाउन लागू है. हजारों प्रवासी मजदूर अपने घर लौटना चाहते हैं. हालांकि कुछ समय पहले सरकार ने यह घोषणा की थी कि मजदूरों को घर पहुंचाने में मदद की जाएगी. मजदूरों का कहना है कि न तो उनके पास खाने को कुछ है और न ही दूसरी जरूरी चीजें. वहीं, देश में कोरोना के कुल 59,662 मामले हैं और 1,981 लोगों की मौत हो चुकी है.

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