केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वैचारिक संरक्षक कहे जाने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के 'वैचारिक विमर्श' की काट के रूप में हाल ही में 'ध्वजवंदन' कार्यक्रम आरंभ करने के बाद कांग्रेस का सेवादल अगले महीने से अपनी 'युवा ब्रिगेड' शुरू करने जा रहा है और इसके कार्यकर्ताओं के लिए नीले रंग की जीन्स एवं सफेद रंग की टी-शर्ट का ड्रेसकोड भी तय किया गया है, जिसके अलावा वे टोपी भी पहनेंगे. कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक लालजी देसाई ने समाचार एजेंसियों को बताया कि 'युवा ब्रिगेड' की शुरुआत अगले महीने होने जा रही है. उनके मुताबिक, शुरुआत की तिथि फिलहाल तय नहीं है, लेकिन यह निश्चित है कि शुरुआत अगले महीने हो जाएगी. गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में सेवादल में नई जान फूंकने के मकसद से तैयार ब्लूप्रिंट को मंज़ूरी दी थी, जिसमें 'युवा ब्रिगेड' शुरू करने का प्रस्ताव भी शामिल था.
क्या राहुल गांधी ने ढूंढ ली है RSS की काट?
लालजी देसाई ने बताया कि कांग्रेस सेवादल के 'युवा ब्रिगेड' के कार्यकर्ताओं के लिए हमने नीले रंग की जीन्स, सफेद रंग की टी-शर्ट और कैप ड्रेसकोड के तौर पर तय की है. कैप का रंग नीला या सफेद में से कोई एक तय किया जाएगा, और अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर फैसला ले लिया जाएगा. कांग्रेस सेवादल के मुख्य संगठक ने कहा कि देश में आज युवाओं को इतिहास, महापुरुषों, विचारधारा, राष्ट्रप्रेम, धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक व्यवस्था को लेकर भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है, और हम अपनी 'युवा ब्रिगेड' के ज़रिये इस प्रयास को विफल करेंगे. लालजी देसाई ने बताया कि 'युवा ब्रिगेड' के साथ 16 से 45 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति जुड़ सकता है, और 'युवा ब्रिगेड' के विस्तार के लिए कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित करने के साथ-साथ सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा.
मुकाबला : क्या ट्रोल्स तय करेंगे 2019 के मुद्दे?
गौरतलब है कि राष्ट्रवाद एवं कुछ अन्य विषयों पर RSS के 'विमर्श' की काट के रूप में कांग्रेस सेवादल ने हाल ही में 'ध्वजवंदन' कार्यक्रम शुरू किया था, और लालजी देसाई के मुताबिक हर महीने के आखिरी रविवार को देश के 300 जिलों अथवा शहरों में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. उनका दावा है कि आने वाले कुछ ही महीनों में इसका 1000 शहरों अथवा जिलों तक विस्तार कर दिया जाएगा. कांग्रेस सेवादल अपने 'ध्वजवंदन' कार्यक्रमों में ध्वजारोहण के साथ ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सिद्धांतों और 'धर्मनिरपेक्षता, सहिष्णुता और बहुलवादी विचारों' पर आधारित राष्ट्रवाद पर चर्चा करता है.
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