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Exclusive:जेएनयू मामले में दाखिल चार्जशीट में कन्हैया, उमर और अनिर्बान के खिलाफ इन सबूतों का है जिक्र

चार्जशीट में कन्हैया, उमर और अनिर्बान के खिलाफ इन सबूतों का जिक्र किया गया है. 

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कन्हैया कुमार (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

दिल्ली पुलिस ने जेएनयू मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट आज दाखिल कर दी है. ये चार्जशीट सेक्शन-124 A,323,465,471,143,149,147,120B के तहत पेश की गई है. चार्जशीट में कुल 10 मुख्य आरोपी बनाए हैं जिसमें कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य हैं. चार्जशीट में मुख्य आरोपी कन्हैया कुमार, अनिर्बान भट्टाचार्य, उमर खालिद, सात कश्मीर छात्र और 36 अन्य लोग हैं. चार्जशीट के मुताबिक कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. गवाहों के हवाले से चार्जशीट में बताया गया है कि कन्हैया कुमार ने भी देश विरोधी नारे लगाए थे. पुलिस को कन्हैया का भाषण देते हुए एक वीडियो भी मिला है. इसके साथ ही कहा गया है कि कन्हैया को पूरे कार्यक्रम की पहले से जानकारी थी. चार्जशीट में जिन सात कश्मीरी छात्रों के नाम हैं, उनसे पूछताछ हो चुकी है. चार्जशीट में कन्हैया, उमर और अनिर्बान के खिलाफ इन सबूतों का किया गया है जिक्र. 

कन्हैया कुमार : 124A ,323,143,147,149 ,120B

मौखिक सबूत:  गवाहों का पुलिस(CRPC 161) और कोर्ट (CRPC 164)में दिया बयान जिससे ये साबित होता है कि वो देश विरोधी नारे लगा रहे थे और उनका  सर्मथन कर रहे थे

दस्तावेजों पर आधारित सबूत: कन्हैया का नाम एफआईआर में दर्ज है, प्रशासनिक कार्रवाई जिसमें उन्हें उनकी कार्यक्रम की भूमिका को लेकर जेएनयू के प्रॉक्टर के द्वारा निलंबित किया गया

तकनीकी सबूत:गवाहों ने वीडियो में उनकी पहचान की, वो वीडियो जिसमें वो छात्रों का नेतृत्व कर रहे हैं,जो देश विरोधी नारे लगा रहे थे. 

उमर खालिद का कन्हैया कुमार को भेजा गया वो एसएमएस जिसमें वो कन्हैया कुमार को साबरमती ढाबा पर बुला रहे थे,जबकि इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी गयी थी,ये एसएमएस डिलीट कर दिया गया था लेकिन फोरेंसिक जांच में मिल गया .कन्हैया की मोबाइल लोकेशन वहीं की हैं जहां ये पूरी घटना हुई 

सैयद उमर खालिद: 124A, 323, 465, 471, 143, 147,149, 120B 

मौखिक सबूत: पुलिस के सामने (CRPC 161) दिया गया बयान जिसमें कहा गया कि उन्होंने न सिर्फ देश विरोधी नारे लगाए बल्कि उनका समर्थन भी किया

दस्तावेजों पर आधारित सबूत: कार्यक्रम के लिए असली परमिशन लेटर जो उनके द्वारा अप्लाई किया गया,उसमें उनका नाम और हस्ताक्षर है. सीएफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक लेटर में उमर खालिद ने अनिर्बन और अश्वथि के फ़र्ज़ी हस्ताक्षर भी किये, उसका नाम अफ़ज़ल गुरु के कार्यक्रम में संयोजक के तौर पर पम्पलेट पर भी लिखा पाया गया

तकनीकी सबूत:वीडियोस में गवाहों ने उसकी पहचान की, जो पेम्पलेट थे वो उसकी ईमेल आईडी से भेजे गए थे ये भी तकनीकी जांच में साबित हुआ. 

मोबाइल फोन की लोकेशन: उसके मोबाइल कॉल के रिकार्ड्स के हिसाब से वो अनिर्बन,मुजीब,मुनीब,उमेर गुल और कन्हैया से लगातार संपर्क में था. वो वीडियो फुटेज जिसमें वो भारत विरोधी नारे लगाते और उनका समर्थन करते हुए दिख रहा है. 

अनिर्बन भट्टाचार्य:124A, 323, 143, 147, 149, 120B

मौखिक सबूत: पुलिस के सामने (CRPC 161)दिया गया बयान जिसमें देश विरोधी नारे लगाने और उनका सर्मथन करने की बात कही गयी है. ओरिजिनल परफॉर्मा जिसमें कार्यक्रम के लिए जगह बुक करने में उसके हस्ताक्षर और नाम है.अफजल गुरु के कार्यक्रम के लिए संयोजक के तौर पर उसका नाम है. 

तकनीकी सबूत: गवाहों ने वीडियो  में उसकी पहचान की, पेम्पलेट उसकी ईमेल आईडी के जरिये रिट्रीव किये गये

मोबाइल फोन की लोकेशन: वो वीडियो फुटेज जिसमें वो भारत विरोधी नारे लगाते हुए दिख रहा है और उनका समर्थन कर रहा है

कन्हैया कुमार,उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य और 7 कश्मीरी छात्रों के नाम कॉलम नंबर 11 में रखे गए हैं. कॉलम नंबर 11 का मतलब ये होता है कि इन आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं और इन पर केस चलाया जा सकता है. बाकी 36 लोगों के नाम कॉलम नंबर 12 में रखा गया है जिनमें डी राजा की बेटी अपराजिता और शहला राशिद भी शामिल हैं. कॉलम नंबर 12 का मतलब ये हैं कि ये आरोपी तो हैं लेकिन जांच में पुलिस को इनके खिलाफ सबूत नहीं मिले. कोर्ट चाहे तो इन्हें समन कर सकता है. देशद्रोह,दंगा भड़काना, अवैध तरीके से इकठ्ठा होना और साज़िश के आरोप में पेश होगी चार्जशीट .कुल 46 आरोपी हैं.

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