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कैबिनेट फेरबदल : जानें किन मंत्रालयों के कद घटाए गए, किन्हें दी गई अहमियत?

नए मंत्रियों को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां दी गई हैं. अब उनकी जवाबदेही होगी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के आकलन पर.

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केंद्रीय कैबिनेट में रविवार को बड़ा फेरबदल किया गया
नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले सबसे अहम कैबिनेट फेरबदल में प्रधानमंत्री ने चार रिटायर्ड नौकरशाहों को जगह दी है. पूर्व गृह सचिव रहे आरके सिंह को बिजली और वैकल्पिक ऊर्जा मंत्रालय का स्वतंत्र कार्यभार सौंपा गया है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे हरदीप सिंह पुरी को आवास और शहरी विकास मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार और DDA के वाइस चेयरमैन रह चुके केजे अल्फ़ॉन्स को पर्यटन मंत्रालय का स्वतंत्र कार्यभार सौंपा गया है. जबकि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रहे सत्यपाल सिंह को मानव संसाधन मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई वरिष्ठ नेताओं और सांसदों को भी जगह दी. शिवप्रताप शुक्ला को वित्त राज्यमंत्री, अश्विनी चौबे को स्वास्थ्य राज्यमंत्री, मध्य प्रदेश से पांच बार सांसद रहे वीरेंद्र कुमार महिला-बाल कल्याण राज्यमंत्री और अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री, कर्नाटक से सांसद अनंत हेगड़े को कौशल विकास राज्यमंत्री और राजस्थान से सांसद गजेंद्र शेखावत को कृषि राज्यमंत्री बनाया गया है.

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अगले लोकसभा चुनावों से पहले शायद ये सबसे अहम फेरबदल है. नए मंत्रियों को महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारियां दी गई हैं. अब उनकी जवाबदेही होगी बड़ी सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के आकलन पर. उन्हें सही तरीके से लागू करने में आ रही अड़चनों को दूर करना होगा, जिसका उनका फायदा आम लोगों तक पहुंच सके. दरअसल प्रधानमंत्री ने कई मंत्रालयों के कद को भी घटाया और बढ़ाया है. दो मंत्रालयों- आवास और गरीबी उन्मूलन मंत्रालय तथा लघू एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय, जिसकी जिम्मेदारी अब तक कैबिनेट रैंक के मंत्रियों के अधीन थी, अब स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों को सौंपी गई है. जबकि वाणिज्य मंत्रालय, जो अब तक स्वतंत्र प्रभार वाली राज्य मंत्री निर्मला सीतारमण देख रही थीं, उनके रक्षा मंत्री बनने के बाद अब ये ज़िम्मेदारी कैबिनेट मंत्री सुरेश प्रभु को सौंपी गई है.

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साथ ही, कौशल विकास मंत्रालय, जिसका कार्यभार स्वतंत्र कार्यभार वाले राज्यमंत्री राजीव प्रताप रूडी के पास था, अब कैबिनेट से उनके इस्तीफे के बाद ये ज़िम्मेदारी कैबिनेट मंत्री बने धर्मेंद्र प्रधान को सौंपी गई है. ये महत्वपूर्ण है कि एक राज्यमंत्री अनंत हेगड़े को भी कौशल विकास मंत्रालय में नियुक्त किया गया है.

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उधर एनडीए में शामिल हो चुकी जेडीयू के किसी प्रतिनिधि को इतने बड़े फेरबदल में जगह नहीं दी गई. लालू यादव ने चुटकी ली और कहा कि नीतीश कुमार हाशिये पर जा रहे हैं. जेडीयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने एनडीटीवी से कहा, 'नीतीश सरकार में बीजेपी की सम्मानजनक हिस्सेदारी के बाद बिहार के लोगों को उम्मीद थी कि जेडीयू के प्रतिनिधि भी केंद्र सरकार में शामिल होंगे, लेकिन ये विस्तार सिर्फ बीजेपी तक ही सीमित रहा.'

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प्रधानमंत्री मोदी जानते हैं कि अगले आम चुनाव से पहले जनता नतीजों पर निगाह जरूर डालेगी. बीते सवा तीन साल में जो शुरुआत हुई उसे अगले पौने दो साल में कामयाबियों में बदलना ही होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री अपने मंत्रिमंडल विस्तार में चुन-चुन कर लोगों को लाए हैं. देखना है उनकी ये कवायद कितनी कामयाब साबित होगी.
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